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सुप्रीम कोर्ट की आम्रपाली को चेतावनी: आपने लोगों को घर नहीं दिया तो हम आपको बेघर कर देंगे!

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के निदेशकों और प्रमोटर को अपनी चल-अचल सम्पति और उसकी कीमत का ब्यौरा 14 अगस्त तक पेश करने को कहा है ताकि उसे बेचकर कंस्ट्रक्शन के लिए 5112 करोड़ जुटाया जा सके. आम्रपाली ग्रुप के कई प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं और इस कारण बड़ी संख्या में आम लोगों को पैसे देने के बाद भी उनके मकान नहीं मिल पा रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली को चेतावनी देते हुए कहा, ‘ज्यादा स्मार्ट बनने की जरूरत नही. हम आपकी एक-एक संपत्ति बेच देंगे. आपका घर भी बेच देंगे. आपने लोगों को अपने घर के लिए भटकने को बाध्य किया है. हम आपको बेघर कर देंगे!’ कोर्ट ने आम्रपाली से कहा कि तमाम चल और अचल संपत्ति का ब्यौरा दे ताकि उन्हें बेचकर प्रोजेक्ट पूरा हो. कोर्ट ने कहा, ‘आप कोर्ट से न खेले नहीं तो आप भी बेघर होंगे. बायर्स की तरह अपने घर के लिए तरसेंगे. बायर्स अब एक नया पैसा नहीं देगा.’

5112 करोड़ रुपये की जरूरत 
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि आम्रपाली के सभी प्रोजेक्ट को पूरा करने में कितने पैसे की जरूरत पड़ेगी. इस पर आम्रपाली ने जवाब दिया कि करीब 5112 करोड़ रुपये. आम्रपाली के जवाब पर कोर्ट ने फिर पूछा, ‘आप ये पैसा कहां से व्यवस्था करेंगे. आप ने जो 2764 करोड़ का फंड डाइवर्ट किया है उसे कैसे वापस करेंगे.’

कोर्ट ने ये आदेश भी दिया कि सिलिकॉन सिटी और जुड़िऐक प्रोजेक्ट में जिन टॉवरों का बिजली कनेक्शन काटा गया है, उसे तत्काल जोड़ा जाए. कोर्ट ने आम्रपाली को दिया आदेश कि वो सिलिकॉन सिटी और जुड़ियाक प्रोजेक्ट में बिजली, मेंटिनेंस चार्जेज के नाम पर कलेक्ट किए गए धन का ब्यौरा कोर्ट में जमा कराए. इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी.

एनबीसीसी को सौंपी जिम्मेदारी 
पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को आम्रपाली के सभी अटके हुए अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी से 30 दिन में विस्तृत योजना मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने एनबीसीसी को कहा था कि वह 30 दिन में बताए कि वह आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्टों को कैसे पूरा करेगा. साथ ही एनबीसीसी निर्माण कार्य पूरा करने के लिए निश्चित टाइम लाइन भी देगा.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के सभी ऑडिटर्स को आदेश दिया है कि वह ग्रुप की सभी 40 कंपनियों के खातों का बारीकी से परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें. रिपोर्ट में ये भी बताया जाए कि आम्रपाली ग्रुप द्वारा होम बायर्स के लगभग 2500 करोड़ रुपये कहां लगाए हैं. पिछली सुनवाई के दौरान एनबीसीसी के चेयरमैन, आम्रपाली के चेयरमैन और शहरी विकास मंत्रालय के सचिव भी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे.

धैर्य की परीक्षा न ले आम्रपाली 
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ बड़ा फैसला सुनाया था. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की सभी 40 कंपनियों के बैंक खातों और चल संपत्ति को अटैच करने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के सभी डायरेक्टर के बैंक खातों को फ्रीज करने और उनकी व्यक्तिगत संपत्तियों को भी अटैच करने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख अंदाज में कहा था कि आम्रपाली हमारे धैर्य की परीक्षा न ले. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शहरी विकास मंत्रालय के सचिव और एनबीसीसी अध्यक्ष को भी पेश होने का आदेश दिया था.

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