दिग्गज अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने आइटम गीतों के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि गीतकारों को इस प्रकार के गीतों को लिखने से पहले दो बार सोचना चाहिए।
अभिनेत्री ने कहा, “मैं फिल्मों में आइटम गीतों के इस्तेमाल के खिलाफ हूं। इस प्रकार के गीतों में जो शब्द इस्तेमाल किए जाते हैं, वे अपमानजनक हैं और महिलाओं की छवि के खिलाफ हैं।”
शबाना ने सलमान खान की फिल्म ‘दबंग-2’ के गीत ‘फेविकोल से’ उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा, “मुझे किसी भी फिल्म में ऐसे गीतों को शामिल करने की जरूरत नहीं लगती। यह कहानी से संबंधित भी नहीं होते। गीतकारों को ऐसे गीत लिखने से पहले दो बार सोचना चाहिए।”
दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर की पत्नी शबाना ने कहा कि फिल्मों में अब महिलाओं के किरदार को कमजोर और असहाय दिखाने के बजाए मजबूत दिखाया जा रहा है।
शबाना आजमी का कहना है, “भारत और पाकिस्तान के नागरिकों के बीच रिश्ते को संवादात्मक रखने की जरूरत है। हमें विचारों पर चर्चा करने व उन्हें एक दूसरे के साथ साझा करने की जरूरत है।”
उन्होंने कहा, “युद्ध कोई विकल्प नहीं हो सकता। दोनों देशों के बीच विवादों के समाधान के लिए चर्चा और वार्ता की जरूरत है।”
उन्होंने और अधिक छात्रों एवं संस्कृति के आदान-प्रदान का कार्यक्रम शुरू करने का आग्रह किया, जिससे एक-दूसरे के विश्वासों को समझने में मदद मिल सके।
67 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा, “पाकिस्तान और भारत के बीच क्रिकेट मैच के दौरान लोग शत्रुओं की तरह व्यवहार करना शुरू कर देते हैं और एक दूसरे के साथ भेदभाव करने लगते हैं। इसलिए इस वक्त कलाकारों की प्रस्तुति के माध्यम से भारत और पाकिस्तान के लोगों के बीच प्यार की भावना का प्रसार करने के लिए फिल्म अच्छा माध्यम है।”
उन्होंने कहा, “प्यार और शांति का संदेश देने वाली फिल्मों का अधिक निर्माण होना चाहिए और इसके लिए दोनों राष्ट्रों को मिलकर सहयोग करना चाहिए।”