तेहरान। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने आज कहा कि अब अमेरिका से नये सिरे से बातचीत की कल्पना करना भी मुश्किल है जो निर्णय लेने के अपने अस्थिर तौर-तरीके की वजह से दुनिया का भरोसा खो चुका है. जरीफ ने सरकारी प्रसारणकर्ता आईआरआईएनएन पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब बातचीत की कल्पना करें… हम उन पर भरोसा कैसे कर सकते हैं?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका लगातार ऊपर-नीचे होता रहा है, इसलिए अब उस पर कोई भरोसा नहीं करता.’’
इससे पहले ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासेमी ने शनिवार को कहा कि ईरान किसी दबाव में आकर अमेरिका संग वार्ता नहीं करेगा खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ. जिन्होंने समझौते का उल्लंघन किया है. समाचार एजेंसी आईआरएनए ने कासेमी के हवाले से बताया कि अगर अमेरिका वार्ता चाहता है तो उसे दबाव बनाना और प्रतिबंध लगाना बंद करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस तरह के दबाव में वार्ता नहीं हो सकती और ईरान के लोग दबाव का विरोध करेंगे और आखिरकार जीतेंगे. इस बीच कासेमी ने अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध होने की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि मौजूदा दुनिया में कोई भी देश इस तरह की गतिविधि को अंजाम देने में समर्थ नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि तेहरान उम्मीद करता है कि मई में अमेरिका के समझौते से अलग होने के बाद यूरोपीय देश ईरानी परमाणु समझौते को बचाने के प्रस्तावों के एक व्यावहारिक पैकेज को आगे बढ़ाएंगे, जिसे जेसीपीओए के तौर पर भी जाना जाता है.