राजस्थान के एक सरकारी अस्पताल की लापरवाही के चलते गर्भवती महिला की मौत हो गई. घटना कोटा के बूंदी जिले की है. कांग्रेस सेवा दल के जिला अध्यक्ष महमूद अली ने बुधवार को इस घटना की जानकारी दी. महमूद अली के मुताबिक, बूंदी के गुरुनानक कॉलोनी में रहने वाली 27 साल की गर्भवती महिला को मंगलवार दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस समय डॉक्टरों ने बताया कि महिला की डिलिवरी मंगलवार रात या बुधवार सुबह हो सकती है और महिला की स्थिति फिलहाल नॉर्मल है.
महमूद अली के अनुसार, हैरानी वाली बात ये थी कि इस दौरान महिला को बेड नहीं दिया गया था, बल्कि उसका ट्रीटमेंट एक टेबल पर किया गया. इसके बाद उसे गैलरी में भेज दिया गया जहां वो काफी देर तक बिना किसी की देखरेख में लेटी रही. इसके बाद डॉक्टरों ने कहा कि महिला बिना किसी को बताए अस्पताल से चली गई और पिछले शिफ्ट में काम कर रहे डॉक्टरों ने उन्हें महिला की हालत के बारे में नहीं बताया था.
पति ने लगाया अस्पताल पर आरोप
महिला के पति ने कहा कि अगर उनकी पत्नी को सही समय पर इलाज मिल जाता तो वो बच सकती थी. उन्होंने कहा कि डॉक्टर लगातार यही कह रहे थे कि हम अस्पताल से चले गए हैं, जबकि हम वहीं थे और गैलरी में बैठे इंतजार कर रहे थे. हालांकि अस्पताल ने लापरवाही बरते जाने के आरोपों को खारिज कर दिया है.
अस्पताल की प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर (पीएमओ) डॉक्टर ओपी वर्मा ने बताया कि मंगलवार दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर महिला को भर्ती कराया गया था. डॉक्टरों ने उसे देखा और उसके बाद वो अपने पति के साथ वापस चली गई. रात जब वो वापस आई तो उसकी हालत बेहद गंभीर थी. उन्होंने कहा कि अगर कोई मरीज बिना बताए अस्पताल से चला जाता है तो उसकी जिम्मेदारी अस्पताल की नहीं होती.
पीएमओ ने बताया कि असपाल में उस समय बेड खाली नहीं थे इसलिए महिला का इलाज टेबल पर ही करना पड़ा. महमूद अली ने बताया कि महिला की मौत की खबर बुधवार सुबह 9 बजकर 25 मिनट पर दी गई और शव साढ़े 10 बजे परिवार को सौंप दिया गया.