नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘दलित विरोधी’ मानसिकता के होने का आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि कांग्रेस प्रमुख को जब आंख मारने से फुरसत मिल जाए तब वो जरा तथ्यों पर गौर कर लें. उन्होंने आरोप लगाया कि दलितों का अपमान करने की विपक्षी दल की परंपरा रही है.
सिलसिलेवार ट्वीट में शाह ने कहा कि संशोधित बिल के जरिए एससी/एसटी कानून को मजबूत करना और ओबीसी आयोग की स्थापना प्रधानमंत्री की विरासत में है जबकि दलित नेताओं का अपमान करना, मंडल आयोग की रिपोर्ट का विरोध करना और ओबीसी संस्था को मजबूत बनाने में बाधा डालना कांग्रेस की परंपरा रही है.
कांग्रेस और राहुल गांधी पर शाह ने यह हमला ऐसे वक्त किया है जब कांग्रेस अध्यक्ष ने जंतर-मंतर पर आयोजित प्रदर्शन में दलितों के प्रति सरकार की नीति को लेकर मोदी की आलोचना की.
एक के बाद एक ट्वीट में शाह ने गांधी पर हमला करते हुए कहा कि जब आपको आंख मारने और संसद बाधित करने से फुरसत मिल जाए तो तथ्यों पर गौर कर लें. उन्होंने जोर दिया कि एनडीए सरकार ने अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार रोकथाम) कानून को संशोधित कर इसे मजबूत किया है.
शाह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मोदी से गले लगने के बाद लोकसभा में गांधी के आंख मारने का हवाला दे रहे थे. उन्होंने लिखा कि सरकार ने संशोधित बिल के जरिए एससी/एसटी कानून को मजबूत किया है, फिर आप प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं.
राहुल गांधी ने कहा कि आज जहां भी बीजेपी की सरकार है, वहां पर दलितों पर हमला हो रहा है. गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री की मानसिकता दलित विरोधी है.
शाह ने कहा कि अच्छा होता कि कांग्रेस ने जिस तरह बाबा साहेब आंबेडकर, बाबू जगजीवन राम और सीताराम केसरी के साथ व्यवहार किया है राहुल गांधी उस पर बोलते. कांग्रेस ने लगातार दलितों के साथ अत्याचार किया है.