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राज्यसभा की कार्यवाही से हटाई गई बीके हरिप्रसाद पर पीएम मोदी की टिप्पणी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव के बाद दोनों उम्मीदवारों को बधाई देने के दौरान की गई टिप्पणी के एक अंश को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है. पीएम की टिप्पणी पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जाहिर की थी.

पीएम मोदी गुरुवार को उपसभापति के चुनाव के दौरान राज्यसभा में मौजूद थे और उन्होंने एक संक्षिप्त वक्तव्य भी दिया था. राष्ट्रीय जनता दल के सांसद मनोज झा ने पीएम की टिप्पणी पर ऐतराज किया था और सभापति से इसे कार्यवाही से हटाने की मांग की थी. उन्होंने पीएम की टिप्पणी के खिलाफ पॉइंट ऑफ ऑर्डर भी रेज किया था.

शुक्रवार को राज्यसभा के सचिवालय ने जानकारी दी कि पीएम की टिप्पणी में के उस हिस्से को हटा दिया गया है. मनोज झा ने कहा था कि यह टिप्पणी आपत्तिजनक और गलत मंशा से की गई थी. सभापति की ओर से उन्हें इस पर विचार करने का आश्वासन मिला था. बाद में सभापति के निर्देशानुसार पीएम के वक्तव्य के इस हिस्से को हटा दिया गया.

उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी पीएम की टिप्पणी को कार्यवाही से हटाना पड़ा हो. उन्होंने इस सभापति के इस फैसले पर खुशी जाहिर की है.

आपको बता दें कि पीएम ने एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश की जीत के बाद उनके नाम में ‘हरि’ का जिक्र करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा था, ‘अब सब कुछ ‘हरि’ भरोसे है. उम्मीद है कि हरि कृपा हम सबपर बनी रहे. दोनों पक्षों के प्रत्याशियों के नाम में ‘हरि’ जुड़ा है. ये चुनाव था जहां दोनों तरफ हरि थे, लेकिन एक तरफ बीके थे, उनके आगे बीके था, बीके हरि… कोई ना बिके. हरिवंश के सामने कोई ‘बिके’ नहीं.’

गुरुवार को हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा के उपसभापति चुने गए. NDA उम्मीदवार हरिवंश के पक्ष में राज्यसभा में 125 सदस्यों ने वोट दिया था को बीके हरिप्रसाद को 101 वोट मिले थे.

पीएम मोदी ने बलिया से जेपी के गांव सिताब दियारा से आने वाले हरिवंश के जीवन को 9 अगस्त के दिन अगस्त क्रांति से जोड़ते हुए कहा कि आजादी की लड़ाई में बलिया का नाम अग्रिम पंक्ति में रहा है. मंगल पांडे, चित्तू पांडे, चंद्रशेखर के बाद अब हरिवंश भी इस पंक्ति में शामिल हो गए हैं.

हरिवंश के पत्रकारीय जीवन का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की सरकार में महत्वपूर्ण पद पर रहने के चलते उन्हे हर खबर पहले पता होती थी. लेकिन उन्होने अपने अखबार को चर्चित बनाने के लिए कभी इसका लाभ नहीं लिया.

प्रधानमंत्री मोदी ने हरिवंश के सादे जीवन की व्याख्या करते हुए कहा कि वे दिल्ली, कोलकाता, हैदराबाद सरीखे शहरों में रहें लेकिन उन्हे महानगरों की चकाचौंध कभी रास नहीं आई. उन्होनें हमेशा जन सामान्य और आखिरी पंक्ती में खड़े वंचितों की आवाज प्रमुखता से उठाई.

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