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केरल में बारिश से तबाही, मुन्नार रिजॉर्ट में 20 विदेशी समेत 60 लोग फंसे, केंद्र ने दिया मदद का भरोसा

नई दिल्ली। केरल में बीते 24 घंटे में हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है. बारिश के कारण कई इलाकों में पानी भर गया है तो कई जगह भूस्खलन हुआ है. बारिश के कारण अब तक यहां 23 लोगों की मौत हो चुकी है. केरल के मुन्नार के एक रिजॉर्ट में 20 विदेशी  सैलानियों समेत कुल 60 लोग फंस गए हैं. बारिश और लैंडस्लाइड की वजह से रिजॉर्ट जाने वाले सारे रास्ते बंद हो गए हैं.

शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारी बारिश से प्रभावित केरल को केंद्र की ओर से हर आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा. केरल के कुछ सांसदों ने आज इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी.

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान केरल से ताल्लुक रखने वाले सदस्यों ने बारिश से हुए जानमाल का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से विशेष वित्तीय पैकेज की मांग की.

इस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि वह केरल के मुख्यमंत्री से बात करेंगे. गृह मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी मंत्री किरण रिजिजू को स्थिति का जायजा लेने के लिये राज्य के दौरे पर भेजा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जिस तरह के सहयोग की भी जरूरत होगी, वह केंद्र की तरफ से मुहैया कराई जाएगी.

विशेष पैकेज देने की मांग

इस विषय को उठाते हुए माकपा के. पी. करुणाकरन ने कहा कि केरल कुछ महीने के भीतर केरल तीन बड़ी प्राकृतिक आपदाओं का सामना कर चुका है और इस वक्त केरल को विशेष मदद की जरूरत है.

कांग्रेस के के सी वेणुगोपाल ने कहा कि बारिश की वजह से सिर्फ गुरुवार को ही 23 लोगों की मौत हुई और राज्य में भारी तबाही हुई है. पहली बार 22 बांधों से अधिशेष पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से केरल को विशेष वित्तीय पैकेज दिया जाना चाहिए.

सबसे ज्यादा असर इडुक्की जिले में हुआ है. यहां 11 लोगों की मौत भूस्खलन से हो गई. मलबे से दो लोगों को जिंदा निकाला गया है. पूरे राज्य में 24 घंटे में 337% ज्यादा बारिश हुई है. औसतन 13.9 मिमी बारिश होनी थी पर 66.2 मिमी हुई.

उल्लेखनीय है कि 26 वर्षों के अंतराल के बाद दोपहर 12.30 बजे इडुक्की बांध का एक द्वार परीक्षण और पानी के प्रवाह के आकलन के लिए खोला गया. इसे रात भर के लिए खोला रखा जाएगा, अगर पानी का स्तर नहीं गिरता है तो दूसरे द्वारों को भी शुक्रवार की सुबह खोला जा सकता है.

इससे पहले विजयन ने स्थिति का आकलन करने के लिए आपातकालीन बैठक आयोजित की और बचाव और राहत अभियान का नेतृत्व करने के लिए वरिष्ठ अधिकारी पी.एच. कुरियन को नियुक्त किया.

राज्य सचिवालय में एक विशेष निगरानी प्रकोष्ठ भी खोला गया है और सभी 14 जिला कलेक्टरों को हर जिले में एक निगरानी केंद्र खोलने का निर्देश दिया गया है. दक्षिणी नौसेना कमांड ने चार डाइविंग टीमों व एक सी किंग हेलीकॉप्टर भेजा है.

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