नई दिल्ली । दक्षिण चीन सागर में मौजूद विवादित द्वीप के ऊपर से उड़ते अमेरिकी नेवी के जहाज को चीन की तरफ से छह बार चेतावनी दी गई। इस चेतावनी में कहा गया कि आप यहां से तुरंत निकल जाएं, आप चीन की सीमा में हैं। आपको बता दें कि यह वही विवादित द्वीप है जिसपर चीन अपना हक जताता रहा है। इस पर कुछ दूसरे देश भी अपना हक जताते रहे हैं। इतना ही नहीं इसको लेकर कई बार अमेरिका और चीन आमने-सामने तक आ चुके हैं। वहीं ताजा मामला इस विवाद को बढ़ाने के लिए आग में घी का काम कर रहा है। अमेरिका के मुताबिक दक्षिण चीन सागर में चीन लगातार अवैध निर्माण कर रहा है। इसके तहत उसने विवादित द्वीप पर रनवे समेत मिलिट्री के लिए स्ट्रक्चर भी तैयार कर लिया है।
चीन की अमेरिका को चेतावनी
अमेरिकी नौसा के विमान P-8A Poseidon ने इस द्वीप की करीब 16500 फीट की ऊंचाई से उड़ते हुए ताजा तस्वीरें और वीडियो ली है। इसी दौरान यह पाया गया है कि यहां पर पांच मंजिला इमारत समेत, बड़े-बड़े राडार, पावर प्लांट, रनवे आदि का निर्माण किया गया है। यह रनवे बड़े मिलिट्री एयरक्राफ्ट के उतरने में सहायक है। आपको बता दें कि इसी दौरान विमान के क्रू को करीब छह बार चीन की तरफ से चेतावनी भरे संदेश मिले। इन संदेशों में कहा गया था कि आप चीन की सीमा में हैं यहां से तुरंत दफा हो जाएं। न ही किसी गलतफहमी में रहें। आपको यहां पर बता दें कि दक्षिण चीन सागर में करीब चार द्वीप विवादित हैं। इनमें सूबी रीफ, फेरी क्रॉस रीफ, जॉनसन रीफ और मिसचीफ रीफ शामिल है।
चीन कर रहा अवैध निर्माण
अमेरिकी नेवी के विमान ने उड़ान के दौरान इन चारों द्वीपों का चक्कर लगाया। सूबी रीफ पर कई छोटे जहाज समेत चीइनीज कोस्ट गार्ड का जहाज दिखाई दिए। इसके अलावा फैरी क्रॉस रीफ पर जहाजों के हैंगर और एक बड़ा रनवे दिखाई दिया। अमेरिकी नौसेना के लिए यह देखना बेहद हैरानी भरा था कि चीन ने इस द्वीप पर एक बड़ा एयरपोर्ट का निर्माण कर लिया है। विमान की टीम को लीड कर रहे लेफ्टिनेंट लॉरेन कालेन का कहना था अकसर यहां पर उड़ान भरते हुए चीन की धमकियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन चीन को उसके ही अंदाज में जवाब दिया जाता है। उनके मुतबिक उनका इस इलाके में उड़ान भरना पूरी तरह से नियमों के अंदर आता है। वहीं चीन इस इलाके में अवैध निर्माण करने पर तुला है। यह पूरा इलाके अंतरराष्ट्रीय नियमों के अंतर्गत आता है।
कुछ दूसरे देश भी जताते हैं हक
यहां पर आपको ये भी बता दें कि इस इलाके पर वियतनाम, फिलीपींस, ताइवान,इंडोनेशिया, मलेशिया और ब्रूनेई भी इस पर अपना हक जताते रहे हैं। दक्षिण चीन सागर का यह विवादित इलाका करीब 3.6 मिलीयन स्क्वायर किमी तक फैला हुआ है। इसके अधिकतर भाग पर चीन अपना हक जताता है। आपको यहां पर ये भी बताना जरूरी हो जाता है कि यह इलाका समुद्री व्यापार के लिहाज से सबसे अधिक उपयोग में लाया जाता है। पूरी दुनिया का करीब एक तिहाई व्यापार इसी समुद्री मार्ग से होता है। इसके अलावा यह पूरा इलाका गैस ओर तेल के लिहाज से भी काफी संपन्न है। इस लिहाज से भी यह काफी अहम इलाका है।