नई दिल्ली। ब्रिटेन ने भारत के विरोध के बावजूद 12 अगस्त को लंदन में होने वाली खालिस्तान समर्थक रैली को मंजूरी देने के अपने फैसले को सही ठहराया है. भारत ने इस रैली को ‘अलगाववादी गतिविधि’ बताया था और कहा था कि यह भारत की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ है. ब्रिटिश उच्चायुक्त के एक प्रवक्ता कहा कि ब्रिटेन में लोगों को विरोध करने और अपने विचारों के प्रदर्शन का अधिकार कानून के तहत मुहैया कराया गया है.
प्रवक्ता ने कहा, ‘अगर यह प्रदर्शन कानून की अवहेलना करता है तो पुलिस के पास उन गतिविधियों से निपटने के व्यापक अधिकार हैं जो घृणा फैलाते हैं या जानबूझकर हिंसा या सार्वजनिक अशांति के जरिए तनाव बढ़ाने की कोशिश करते हैं.’ उन्होने कहा, ‘लेकिन यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन को निषेध नहीं करता है. इस तरह की शक्ति और इस तरह के प्रदर्शनों का प्रबंधन पुलिस के लिए अभियान का मामला है.’
भारत की प्रतिक्रिया के बाद आया ब्रिटेन का बयान
ब्रिटेन का यह बयान भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा ब्रिटेन को यह कहे जाने के बाद आया है कि यह रैली ‘अलगाववादी’ गतिविधि होगी और इसका लक्ष्य भारत की क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन करना है. इस रैली का आयोजन नहीं करने की अनुमति देने के भारत के आग्रह को ब्रिटेन पहले ही ठुकरा चुका है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा था, ‘हमने कहा है कि इस रैली का मकसद हिंसा, अलगाववाद और नफरत फैलाना है तथा हम आशा करते हैं कि जब वे ऐसे मामलों पर निर्णय लें तो संबंधों के व्यापक परिप्रेक्ष्य में इन बातों को ध्यान में रखें.’
ग्रीन पार्टी पहले ही दे चुकी है रैली को समर्थन
ब्रिटेन की वामपंथी झुकाव वाली ग्रीन पार्टी पहले ही खालिस्तान समर्थक रैली को अपना समर्थन दे चुकी है. यह रैली लंदन में ट्रैफलगर चौक पर रविवार को आयोजित होने वाली है. इस रैली के बारे में जुलाई में जब खबरें आनी शुरू हुई थीं तो भारत ने डेमार्श के जरिए इस पर औपचारिक विरोध जताया था.
सिख फॉर जस्टिस नाम के समूह का कहना है कि इस रैली का मकसद पंजाब को स्वतंत्र देश बनाने के लिए 2020 में एक गैर बाध्यकारी जनमत संग्रह की मांग करने को लेकर जागरूकता फैलाना है.