नई दिल्ली। मेजबान इंग्लैंड ने वर्षा प्रभावित लॉर्ड्स टेस्ट के चौथे ही दिन पारी और 159 रनों से जीत के साथ पांच मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त बना ली. बारिश के कारण पहले दिन एक भी गेंद नहीं फेंकी जा सकी, जबकि बाकी दिन भी बारिश की वजह से मैच रुकता रहा. इसके बावजूद इंग्लैंड ने यह मैच सिर्फ 170.3 ओवरों के खेल में जीता.
विराट कोहली की कप्तानी में यह भारत की पारी के अंतर से पहली हार है. विराट को अपनी कप्तानी के 37वें टेस्ट में पारी से हार का सामना करना पड़ा. भारत की आखिरी पारी से हार भी इंग्लैंड के खिलाफ 2014 में मिली थी, जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट पारी और 244 रनों से गंवाया था.
मौजूदा सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच 18 अगस्त से नॉटिंघम के ट्रेंटब्रिज में खेला जाएगा. अब मेजबान टीम के खिलाफ आखिरी तीनों टेस्ट मैच जीतना तो दूर, सीरीज बचाना बड़ी चुनौती है. बल्लेबाजों के घटिया प्रदर्शन को देखते हुए भारत के तीन बल्लेबाज निशाने पर आ गए हैं.
टीम इंडिया को उस वक्त गहरा झटका लगा था, जब उसे ऋद्धिमान साहा की चोट की गंभीरता का पता चला. इस दौरे के लंबे प्रारूप में साहा विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद थे. उनकी जगह शामिल किए गए दिनेश कार्तिक से बड़ी उम्मीदें थीं- उन्होंने श्रीलंका में निदहास ट्रॉफी और आईपीएल में अपने बहतरीन फॉर्म से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा था.
दिनेश कार्तिकः 4 पारियों में महज 21 रन
दिनेश कार्तिक ने दो टेस्ट मैचों की चार पारियों में महज 21 रन बनाए. वह बर्मिंघम के खेले गए पहले टेस्ट की पहली पारी में शून्य पर लौटे, दूसरी पारी में उन्होंने रुकने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. तीसरे दिन 18 रन पर नाबाद लाटे कार्तिक को चौथे दिन विकेट पर रुकने की जरूरत थी, लेकिन वह 2 रन ही जोड़ पाए और 20 रन बनाकर आउट हो गए. और इसके बाद लॉर्ड्स टेस्ट में भी उनका खराब प्रदर्शन (1 और 0) जारी रहा. ऐसे में ऋषभ पंत को टेस्ट में पदार्पण का मौका दिया जा सकता है.
मुरली विजय
विजय: दो लगातार पारियों में दो शून्य
सीरीज से पहले अजिंक्य रहाणे का खराब फॉर्म चर्चा का कारण रहा. इसके बावजूद उन्होंने दो टेस्ट में 48 रन बनाए. लेकिन दूसरी ओर टेस्ट मैचों में अपनी तकनीक के सहारे स्थान बनाने वाले सलामी बल्लेबाज मुरली विजय मौजूदा सीरीज की चार में से तीन पारियों में तो बुरी तरह असफल रहे. पहले टेस्ट में पहली पारी में 20 और 6 रन बनाने के बाद अगले टेस्ट की दोनों पारियों में वह खाता खोले बगैर आउट हुए. अब अगले टेस्ट के लिए उनके विकल्प की तलाश की जा सकती है.
केएल राहुल: 4 पारियों में 35 रन
भारतीय टीम प्रबंधन ने पहले टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा को अंतिम-11 में न चुनकर साहसिक फैसला किया था. उम्मीद जताई जा रही थी कि उनकी जगह केएल राहुल अपने जोशीले प्रदर्शन से भारतीय बल्लेबाजी क्रम को मजबूती देंगे. पहले टेस्ट में वह 17 रन ही बना पाए, उन्हें अगले टेस्ट में भी मौका दिया गया, लेकिन उनका प्रदर्शन नहीं सुधरा. 2 टेस्ट की चार पारियों के दौरान राहुल के खाते में 35 रन ही हैं. अब समय आ गया है, जब बेंच पर बैठे करुण नायर को मौका दिया जाए.