लखनऊ। बीजेपी को ये बात बखूबी पता है कि केंद्र की सत्ता में बने रहने के लिए यूपी में अपने वर्चस्व को कायम रखना होगा. गोरखपुर-फूलपुर और कैराना में मिली हार ने बीजेपी को चिंता में डाल दिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 जैसे नतीजे दोहराने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मेरठ में हुई प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी नेताओं को टी-20 फॉर्मूला दिया.
अमित शाह ने रविवार को सांसदों और विधायकों के साथ बंद कमरे में बैठक की. इस दौरान जमीनी स्तर पर लगातार प्रयास करने पर जोर दिया. शाह ने उनसे कहा कि वे अपने संसदीय क्षेत्रों में जाएं और जनता को सरकारी योजनाओं की जानकारी पहुंचाएं. इसके लिए वह अपने क्षेत्र के प्रत्येक गांव में जाएं और कम से कम 20 घरों में जाकर चाय पीएं.
इस अभियान के जरिए विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र और सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के हर गांव में 20-20 घरों में जाने और उनके यहां चाय पीने की रणनीति बनाई हैं. इसका सीधा मतलब जनता से सीधे संवाद स्थापित करना है.
नाराज बीजेपी वर्करों को साधने की रणनीति
कार्यसमिति बैठक के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने की भी भरपूर कोशिश की. दरअसल, पश्चिम यूपी के तमाम कार्यकर्ता लगातार बैठकों में अपनी उपेक्षा के कारण पार्टी से नाराज चल रहे हैं. इसे देखते हुए पार्टी के आला नेताओं ने विश्वास कायम करने का प्रयास किया और यह भी कहा कि बीजेपी का कार्यकर्ता टिकट नहीं बल्कि सम्मान चाहता है.
वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने बैठक के दौरान कहा कि पार्टी कार्यकर्ता ही बीजेपी की रीढ़ हैं और इन्हीं के बल पर पार्टी 2019 में उत्तर प्रदेश के अंदर 73 से ज्यादा सीट जीतने के लिए काम करेगी. अमित शाह ने प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इशारा करते हुए कहा कि कार्यकर्ता का सम्मान जरूरी है. लेकिन यह बात जरूर ध्यान रखी जाए कि सरकार और संगठन दोनों अलग अंग है इसलिए संगठन सरकार में और सरकार संगठन में हस्तक्षेप न करे.
बीजेपी का डोर-टू-डोर प्लान
शाह ने इसी के तहत बीजेपी विधायक और सांसदों को पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं की नाराजगी को दूर करने की नसीहत दी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज हमारे पास उपलब्धियां ज्यादा हैं और कमियां नाम मात्र को हैं.
शाह ने कहा कि हम अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने के बजाय यदि कोई एक कमी निकाल देता है, तो हम चुप्पी साधकर बैठ जाते हैं. जबकि हमें अपनी नौ उपलब्धियों पर फोकस करना चाहिए, न कि एक कमी पर.
इसलिए सकारात्मक सोच के साथ केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को जनता के बीच सीधे पहुंचाए ताकि विपक्ष हावी न हो सके.
अमित शाह ने पार्टी नेताओं को 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले विवादित बयान देने से बचने की नसीहत भी दी. साथ ही उन्होंने उत्तर प्रदेश में 73 प्लस और देश में 350 प्लस के संकल्प को दोहराते हुए कार्यकर्ताओं से चुनावी तैयारी में जुट जाने के निर्देश दिए.