नई दिल्ली। एक समय था जब चीन में करेंसी की प्रोडक्शन प्लांट्स को जंग न लगे इसलिए उन पर मैरिज सर्टिफिकेट और ड्राइविंग लाइसेंस छापे जाते थे. अब हालात अचानक से बदल गए हैं. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार भारत समेत कई देशों की ओर से करेंसी छापने के लिए चीन को ‘बड़े ऑर्डर’ मिले हैं. चीन बैंक नोट प्रिंटिंग और मिंटिंग कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष ल्यू गुइसेंग ने कहा चीन ने अभी तक विदेशी करेंसी नहीं छापी है.
हालांकि साल 2013 में दक्षिण पूर्व एशिया, केंद्रीय एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप की जमीन और समुद्र को जोड़ने के लिए चीन ने वन बेल्ट वन रोड परियोजना लॉन्च किया. ल्यू ने कहा कि उसके बाद से ही कंपनी को यह मौके मिले और सफलतापूर्वक थाईलैंड, बांग्लादेश, श्रीलंका, मलेशिया, भारत, ब्राजील और पोलैंड की करेंसी छापने का प्रोजेक्ट हासिल किया. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार यह सिर्फ एक नमूना है.
इस रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट किया है. उन्होंने विदेश में नोट छापे जाने को लेकर कहा है कि इससे पाकिस्तान को जाली नोट आसानी से मिल जाएगी, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है. कुछ सरकारों ने चीन से कहा है कि सौदे को प्रचारित ना किया जाए. उनकी चिंता है कि ऐसी जानकारी बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है या ‘अनावश्यक बहस की शुरुआत’ हो जाएगी.
ल्यू ने कहा, ‘विश्व के आर्थिक परिदृश्य में बड़े परिवर्तन हो रहे हैं. जैसे चीन बड़ा और अधिक शक्तिशाली जाएगा तो वह पश्चिम द्वारा स्थापित मूल्यों को चुनौती देगा. अन्य देशों के लिए करेंसी छापना एक महत्वपूर्ण कदम है.’ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा प्रिंटिंग बाजार पर पश्चिमी कंपनियों का एक शताब्दी से अधिक समय तक प्रभुत्व है.