नई दिल्ली। ट्राई चीफ आरएस शर्मा द्वारा पिछले दिनों अपना आधार नंबर सार्वजनिक करने के बाद उठे विवादों के बीच भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार संख्या साझा करने के संबंध में लोगों को जागरूक करने की योजना बना रहा है. इसमें यह बताया जाएगा कि इस संदर्भ में उन्हें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना है. प्राधिकरण आधार संख्या को पैन, बैंक खाता और क्रेडिट कार्ड संख्या जैसी अन्य निजी सूचनाओं के समतुल्य बनाना चाहता है ताकि उपयोक्ताओं को अपनी निजी जानकारियां सार्वजनिक करने विशेषकर ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मंचों पर साझा करने के प्रति सावधान किया जा सके.
इस बीच एक हालिया अधिसूचना में यह कहा गया कि आधार कार्ड धारक की जन्मतिथि में यदि एक से अधिक बार बदलाव करने की जरूरत हो, तो संबंधित व्यक्ति को भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के क्षेत्रीय कार्यालय में जाने की जरूरत होगी. अधिसूचना में कहा गया है कि संबंधित व्यक्ति की जन्म की तारीख में सिर्फ एक बार सुधार हो सकता है. यदि एक से अधिक बार सुधार करने की जरूरत होती है तो यह काम सिर्फ विशिष्ट प्रक्रिया से ही हो सकता है. ऐसे में उस व्यक्ति को यूआईडीएआई के क्षेत्रीय कार्यालय जाना होगा. ये बदलाव आधार (नामांकन एवं अद्यतन) नियमन, 2016 में शामिल किए गए हैं, जो 31 जुलाई से लागू हुए हैं.
आधार को लेकर पिछले दिनों मचा हंगामा
इस बीच सरकार ने पिछले दिनों दूरसंचार नियामक ट्राई के प्रमुख राम सेवक शर्मा का कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया. शर्मा हाल ही में ट्विटर पर अपनी आधार संख्या सार्वजनिक करने और लोगों को चुनौती देने को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने अपनी आधार संख्या डालते हुये चुनौती दी थी कि इस जानकारी के आधार पर उन्हें नुकसान पहुंचाकर दिखाएं. शर्मा के इस कदम के बाद उनकी सोशल मीडिया पर तीखी आलोचना हुई थी. वहीं, आधार जारी करने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने लोगों को आधार संख्या सार्वजनिक नहीं करने या दूसरे को इस तरह की चुनौती नहीं देने को कहा था.
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) प्रमुख के कार्यकाल विस्तार संबंधी अपने आदेश में कार्मिक मंत्रालय ने कहा है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने ट्राई चेयरमैन के रूप में शर्मा की नियुक्ति को 10 अक्तूबर 2018 से आगे 30 सितंबर 2020 तक बढ़ाने को मंजूरी दे दी है. शर्मा को जुलाई 2015 में तीन वर्ष के लिये ट्राई प्रमुख बनाया गया था.
शर्मा 1982 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. शर्मा के वर्तमान कार्यकाल में काल समापन शुल्क और दूसरे का बाजार बिगाड़ने वाली कीमत नीति जैसे कई मुद्दों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. ट्राई प्रमुख बनाने से पहले शर्मा सूचना प्रौद्योगिकी सचिव के रूप में कार्य कर चुके हैं. आधार परियोजना को लागू करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. वह यूआईडीएआई में महानिदेशक और मिशन निदेशक के पद पर भी रह चुके हैं. शर्मा को डिजिटल लॉकर जैसी डिजिटल सेवाओं को डिजाइन करने और देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली योजनाओं को शीघ्र लागू कराने का श्रेय जाता है.