नई दिल्ली। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अरुण गवली ने महात्मा गांधी के आदर्शों पर आयोजित परीक्षा में सभी को पछाड़ते हुए प्रथम स्थान हासिल किया है. नागपुर केंद्रीय कारागार में बंद गवली ने परीक्षा में 80 में से 74 अंक अर्जित किए हैं. गैर सरकारी संगठनों-सहयोग ट्रस्ट, सर्वोदय आश्रम और मुम्बई सर्वोदय मंडल द्वारा पिछले साल अक्तूबर में आयोजित परीक्षा में लगभग 160 कैदी शामिल हुए थे. सहयोग ट्रस्ट के न्यासी रवींद्र भुसारी ने बताया कि परीक्षा का परिणाम पिछले सप्ताह घोषित किया गया.
पुरस्कार के रूप में प्रमाणपत्र और खादी के वस्त्र
भुसारी ने कहा कि परीक्षा में बैठना अनिवार्य नहीं होता और कैदी अपनी मर्जी से इसमें शामिल होते हैं. परीक्षा में कैदियों को 80 सवालों के वस्तुनिष्ठ जवाब देने होते हैं. उत्तीर्ण होने वालों को पुरस्कार के रूप में प्रमाणपत्र और खादी के वस्त्र मिलते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षा से पहले जेल में गांधी जी की किताबों से संबंधित पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई गई थी. परीक्षा में दोषी, विचाराधीन और सजा काट रहे कैदी शामिल हुए.’’ गवली वर्ष 2007 में हुई शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसंदेकर की हत्या के मामले में नागपुर केंद्रीय कारागार में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
गवती को वर्ष 2012 में 11 अन्य लोगों के साथ मामले में दोषी ठहराया गया था. आपराधिक मामलों की लंबी सूची रखने वाले गवली की यह पहली दोषसिद्धि थी. मुम्बई के दगड़ी चॉल इलाके में ‘डैडी’ के नाम से चर्चित गवली बाद में राजनीति के मैदान में उतरा था और उसने अखिल भारतीय सेना के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी.