नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है. यह जानकारी सूत्रों ने दी है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था. एम्स की ओर से गुरुवार को जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री की हालत वैसी ही बनी हुई है. उनकी हालत नाजुक है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं.’’ अस्पताल ने बुधवार रात एक बयान में कहा, ‘दुर्भाग्यवश, उनकी हालत बिगड़ गई है. उनकी हालत गंभीर है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.’
एक सूत्र ने गुरुवार को बताया, ‘निमोनिया के कारण उनके दोनों फेफड़े सही से काम नहीं कर रहे हैं और दोनों किडनी भी कमजोर हो गयी हैं. उनकी हालत नाजुक है.’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार शाम वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गये थे. मोदी करीब सवा सात बजे अस्पताल पहुंचे थे और वह करीब 50 मिनट तक वहां रूके. उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू गुरुवार सुबह पूर्व प्रधानमंत्री का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे. बीजेपी के अनुभवी नेता और वाजपेयी के करीबी रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी उनका कुशलक्षेम जानने एम्स पहुंचे.
वाजपेयी की सेहत में सुधार हो, इसलिए देशभर में पूजा-पाठ और दुआएं मांगी जा रही हैं. सोशल मीडिया पर लोग उनके पुराने वीडियो और तस्वीरों को शेयर करते हुए उनके स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं. शानदार भाषण शैली और सधे हुए शब्दों से विरोधियों पर जुबानी हमला करने की आदत की वजह से ही राजनीतिक विरोधी भी उनके कायल रहे हैं. प्रधानमंत्री रहते हुए वाजपेयी ने कई मौकों पर अपनी वाकपटुता की बदौलत विपक्षी खेमे को अपने पक्ष में करते रहे हैं.
ऐसे वक्त में हम आपका ध्यान लोकसभा में साल 2003 के वाजपेयी के एक ऐसे भाषण की ओर दिला रहे हैं, जिसमें वे तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी पर नाराज हो गए थे. सोनिया गांधी ने सरकार पर हमला बोलने के लिए जिन शब्दों का चयन किया था वह तत्कालीन पीएम वाजपेयी को नागवार गुजरी थी.
सोनिया गांधी के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए वाजपेयी ने कहा था- ‘आपने (सोनिया गांधी) एक ही वाक्य में Incompetent (अक्षम), Insensitive (असंवेदनशील), Irresponsible (गैर जिम्मेदार) और Brazenly Corrupt (भ्रष्टतम) शब्द प्रयोग किया है. राजनीतिक क्षेत्र में आपके साथ जो कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं इसी देश में मतभेद होंगे, उनके बारे में आपका ये मूल्यांकन है, मतभेद प्रकट करने का ये तरीका है. ऐसा लगता है जैसे शब्दकोश से शब्द ढूंढे गए हैं.’ वाजपेयी ने अपने भाषण में सोनिया गांधी से कहा कि भारत में इन शब्दों से अपने राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने की सभ्यता नहीं रही है. मालूम हो कि अटल बिहारी वाजपेयी अपने विरोधियों पर हमले तो करते थे, लेकिन शब्दों की मर्यादा को कभी भी नहीं खोते थे. वे सामने वाले से भी ऐसी ही उम्मीद करते थे.