नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज एम्स पहुंचकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हालचाल जाना. आज केजरीवाल का जन्मदिन है और वह 50 साल के हो गए हैं. वाजपेयी के बिगड़ते स्वास्थ्य के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने आप कार्यकर्ताओं से जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने का अनुरोध किया है.
केजरीवाल के साथ पहुंचे मनीष सिसोदिया
सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी एम्स पहुंचे और वाजपेयी का हाल जाना. इनके अलावा केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, अनुप्रिया पटेल भी एम्स पहुंचे.
अटलजी का स्वास्थ्य जाकर दुख हुआः केजरीवाल
केजरीवाल ने ट्वीट किया है, ‘‘अटलजी के स्वास्थ्य के बारे में सुनकर दुख हुआ. मैं ईश्वर से उनके जल्दी स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’’ मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नागेन्द्र शर्मा ने कहा कि केजरीवाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से जन्मदिन का जश्न नहीं मनाने और इस अवसर पर उनके आवास पर आने से बचने का अनुरोध किया है.
11 जून से एम्स में भर्ती हैं वाजपेयी
भारतीय जनता पार्टी के 93 वर्षीय दिग्गज नेता को गुर्दे में संक्रमण, मूत्र नली में संक्रमण, पेशाब की मात्रा कम और सीने में जकड़न की शिकायत के बाद 11 जून को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, दिल्ली (एम्स) में भर्ती कराया गया था.
24 घंटे से हालात नाजुक
एम्स की ओर से आज जारी स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार, ‘‘पूर्व प्रधानमंत्री की हालत वैसी ही बनी हुई है. उनकी हालत नाजुक है और वह जीवन रक्षक प्रणाली पर हैं.’’ अस्पताल ने बुधवार(15 अगस्त) रात एक बयान में कहा, ‘‘ दुर्भाग्यवश, उनकी हालत बिगड़ गई है. उनकी हालत गंभीर है और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया है.’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल शाम वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गये थे. मोदी करीब सवा सात बजे अस्पताल पहुंचे थे और वह करीब 50 मिनट तक वहां रूके.
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू आज सुबह पूर्व प्रधानमंत्री का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे. भाजपा के अनुभवी नेता और वाजपेयी के करीबी रहे लाल कृष्ण आडवाणी भी उनका कुशलक्षेम जानने एम्स पहुंचे. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा एम्स में मौजूद हैं.
मधुमेह से ग्रस्त हैं वाजपेयी
अस्पताल के बाहर भीड़ और यातायात प्रबंधन के लिए पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है. मधुमेह से ग्रस्त वाजपेयी की एक ही किडनी काम करती है. वर्ष 2009 में उन्हें आघात आया था, जिसके बाद उन्हें लोगों को पहचानने की दिक्कत होने लगी थी. बाद में उन्हें डिमेंशिया हो गया.