मोतिहारी। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर संजय कुमार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पर फेसबुक पर किए गए पोस्ट पर कमेंट करना महंगा पड़ गया. फेसबुक पर किए गए पोस्ट को बहाना बनाकर असमाजिक तत्वों ने प्रोफेसर की शुक्रवार को जमकर पिटाई कर दी और पेट्रोल छीड़कर आग लगाने का कथित प्रयास किया. घटना शुक्ररवार दोपहर बाद करीब तीन बजे की है. मोतिहारी नगर के आजादनगर मोहल्ला में महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के समाज शास्त्र के सहायक प्रोफेसर संजय कुमार के घर पर असमाजिक तत्वों ने हमला बोल दिया.
वाजपेयी के खिलाफ प्रोफेसर ने किया अभद्र शब्दों का प्रयोग -हमलावर
हमलावरों का आरोप था कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ प्रोफेसर ने अभद्र शब्दों का प्रयोग किया और सोशल मिडिया पर लिखा है. जिससे उनकी भावनाएं आहत हुई. जिसके बाद असमाजिक तत्वों ने प्रोफेसर पर हमला बोल दिया. प्रोफेसर को घायल स्थिति में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पीड़ित प्रोफेसर ने कहा कि फेसबुक पर उन्होंने कुछ भी असंसदीय शब्द का प्रयोग नहीं किया. हमलावर विश्वविद्यालय के कुलपति के गुर्गे हैं. जिन्हें कुलपति ने रैगिंग कमेटी में शामिल कर रखा है. प्रोफेसर पर हमला करने के खिलाफ छात्र आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने सदर अस्पताल के मुख्य द्वार के सामने आगजनी कर सड़क को घंटो जाम रखा. आरजेडी नेताओं ने आरोप लगाया कि केन्द्रीय विश्वविद्यालय बीजेपी का कार्यालय बन गया है और बीजेपी नेताओं के इशारे पर पुलिस पीड़ित प्रोफेसर के आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज नहीं कर रही है.
तेज प्रताप यादव के निशाने पर नीतीश सरकार
लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने इस मामले को लेकर बिहार की नीतीश सरकार को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘सुशासन वाली सरकार में दंगाइयों का खुब बोलबाला है. पहले एक मंत्री के दंगाई बेटे का कारनामा तो देखा हीं, अब मोतिहारी में ABVP कार्यकर्ताओं का मनोबल देखिए,दिनदहाड़े सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर को भगा-भगा के पिट दिया. सुशासन अभी गहरी नींद में है,खबरदार जो किसी ने DISTURB किया.
आप नेता संजय सिंह ने भी उठाया नीतीश सरकार पर सवाल
प्रोफेसर की पिटाई की आम आदमी पार्टी ने भी निंदा की है. आप सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, ”बिहार के महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर संजय कुमार को दिनदहाड़े गुंडों ने पीट-पीटकर और जलाकर मारने की कोशिश करी! उनके साथी प्रोफेसरों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अरविंद अग्रवाल के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया गया है! सुशासन या दुशासन?”