नई दिल्ली। दिल्ली में करीब 2 लाख 93 हजार लाख राशन कार्ड रद्द किए जाने के फूड कमिश्नर के फैसले को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बड़ी साजिश बताया है. मुख्यमंत्री दफ्तर ने बयान जारी करते हुए कहा कि बिना घर जाए ही अधिकारियों ने अपने दफ्तरों में बैठकर राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं और खाद्य विभाग ने मंत्री की आपत्तियों को भी पूरी तरह से नजरअंदाज किया है.
अरविंद केजरीवाल ने राशन कार्ड रद्द होने के मामले में अब प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदीजी ने लाल किले से कहा कि उन्होंने 6 करोड़ फर्जी राशन कार्ड कटवाए. मोदीजी के फर्जी दावे का सच पढ़िए. PMO दिल्ली के अफसरों को फोन करके जबरदस्ती कार्ड कटवाता है. मोदीजी, आप देश संभालिए. देश संभल नहीं रहा. दिल्ली में दखलअंदाजी बंद कीजिए या फिर PM छोड़कर दिल्ली के CM बन जाइए.’
केजरीवाल सरकार का अधिकारिक बयान
-चूंकि अधिकारी दिल्ली की चुनी हुई सरकार को रिपोर्ट नहीं करते, ऐसे में वे दिल्ली के लोगों के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं. यह बहुत गंभीर विषय है. सीएम ने कहा कि फूड कमिश्नर ने 2.93 राशन कार्ड रद्द करने का फैसला कर लिया लेकिन इस फैसले से पहले फील्ड इंस्पेक्शन नहीं किया गया और न ही राशन कार्ड धारकों का पक्ष सुना गया. इस फैसले से कितने गंभीर परिणाम हो सकते हैं, यह ध्यान में नहीं रखा गया है.
-मंडावली में तीन बच्चों की मौत के मामले से भी अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया है. गैर कानूनी तरीके से राशन कार्ड रद्द किए गए हैं और गरीबों से उनका राशन छीना गया है. अगर मंडावली जैसी घटना दिल्ली के दूसरे हिस्से में होती है तो इसके लिए पूरी तरह से फूड कमिश्नर जिम्मेदार होंगे. खाद्य मंत्री ने 26 जुलाई को लिखे नोट में उन कार्ड धारकों की डिटेल मांगी थी, जिनके कार्ड को रद्द किए जाने की तैयारी विभाग कर रहा था. लेकिन कोई जानकारी नहीं दी गई और मंत्री के निर्देशों की धज्जियां उड़ाते हुए मनमाने तरीके से राशन कार्ड रद्द कर दिए गए.
-मुख्यमंत्री दफ्तर के मुताबिक पहले यह वेरिफिकेशन होनी चाहिए थी कि जनवरी से मार्च 2018 के बीच कितने लोगों ने राशन नहीं लिया और उनके बारे में वेरिफाई किया जाना था और उन लोगों को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाना था. केवल दफ्तरों में फैसला करके राशन कार्ड रद्द किया जाना बिल्कुल गलत फैसला है. सीएम ने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या के चलते ई-पॉस मशीनों से राशन मिलने में दिक्कत हो रही थी. जिसके चलते लोगों को राशन नहीं मिल पाया. ऐसे मामले भी हैं, जिनमें बॉयोमीट्रिक वेरिफिकेशन में दिक्कत हुई.
-सीएम ने कहा कि खाद्य मंत्री ने विभाग के अधिकारियों के बार-बार लिखा कि राशन सिस्टम में भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें आ रही हैं और आम लोगों को राशन नहीं मिल पा रहा है. राशन की दुकानें समय पर नहीं खुलती और वहां पर लोगों के साथ बुरा बर्ताव किया जाता है. लेकिन इन शिकायतों को विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की. सीएम ने कहा कि मंत्री के आदेशों की अनदेखी सीधे तौर पर अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के दायरे में आता है.