नई दिल्ली। यूएई सरकार द्वारा केरल के बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए 700 करोड़ रुपये की सहायता देने की पेशकश हो सकता है कि परवान न चढ़ सके. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक भारत केरल बाढ़ राहत और बचाव के लिए किसी भी तरह की विदेशी मदद नहीं लेना चाहता है.
सूत्रों का कहना है कि सरकार बहुत सोच विचार के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि केरल में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए घरेलू संसाधनों का ही इस्तेमाल किया जाए और इसके लिए कोई विदेशी मदद न ली जाए.
पीएम मोदी से की बात
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने केरल में बाढ़ से राहत और बचाव के लिए वित्तीय सहायता के रूप में 10 करोड़ अमेरिकी डॉलर या करीब 700 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान इस सहायता की पेशकश की.
करीब 30 लाख भारतीय यूएई में रहते हैं और इनमें से करीब 80% केरल के हैं. यूएई के अलावा मालदीव ने भी करीब 35 लाख रुपये सहायता देने की पेशकश की है. मालदीव ने कहा है कि ये राशि हालांकि बहुत कम है, लेकिन ये भारत के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक टोकन एमाउंट है. माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र भी केरल के लिए कुछ सहायता की घोषणा कर सकता है.