लखनऊ। यूपी में योगी सरकार में महिलाओं पर अत्याचार रुक नहीं रहे हैं, अपराधी बेखौफ हैं. बार-बार अपराध मुक्त राज्य का दावा करने वाली सरकार लाचार दिखाई दे रही है, रही बात पुलिस प्रशासन की तो कहीं ना कहीं लगातार होने वाले ये अपराध उनकी भूमिका पर भी सवालिया निशान लगाते हैं. भले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि यूपी से अपराधी भाग कर दूसरे प्रदेशों में शरण ले रहे हैं, लेकिन मेरठ सहित प्रदेश में पिछले दो हफ्ते-दस दिनों में महिलाओं के खिलाफ हुई घटनाओं ने उनके दावों की पोल खोल दी है.
ये हैं हाल ही में हुई कुछ घटनाएं….
पहला मामला
मेरठ के लिसाड़ी गांव में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जहां बेटी से छेड़खानी का विरोध करने पर दबंगों ने पिता की चाकू से गोद कर हत्या कर दी. पुलिस ने हत्यारे को चाकू के साथ गिरफ्तार कर लिया है.
दूसरा मामला
यूपी के मेरठ में एक छात्रा को घर में घुसकर जिंदा जलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया. छेड़छाड़ का विरोध करने पर सरधना कस्बे में शुक्रवार सुबह मनचलों ने घर में घुसकर कक्षा दसवीं की छात्रा और उसके परिजनों पर हमला बोल दिया. उसके बाद उन्होंने छात्रा पर केरोसिन उड़ेल दिया और फिर आग लगा दी. करीब 60 फीसदी झुलसी छात्रा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इस मामले में पुलिस ने 5 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है.
तीसरा मामला
मेरठ के टीपीनगर में एक मामले सामने आया था जिसमें लड़की के रेप के बाद उसे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया था. हालांकि मेरठ एसएसपी का कहना है कि लड़की ने बताया कि उसके अक लड़के से प्रेम संबंध थे. लड़के के शादी करने से मना करने पर लड़की ने खुद सारा नाटक रचा था.
चौथा मामला
मेरठ के ब्रम्हपुरी इलाके में सरेआम बाजार में गोली मार दी गई. जानकारी के मुताबिक ये मामला लड़की की शादी से जुड़ा था.
पांचवां मामला
बदायूं में एक प्राइमरी स्कूल में तीन लोगों ने मिलकर एक मासूम को हवस का शिकार बनाया. पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा गया है. योगी सरकार दावा कर रही है कि उसके राज में यूपी में अपराध कम हुए हैं लेकिन हकीकत शायद कुछ और ही है.
छठा मामला
आज़मगढ़ के मेहनगर में भी कल रात दो मनचलों ने एक लड़की को घर में घुस कर गोली मारी. गंभीर हालात में उसे बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है
सातवां मामला
गाजियाबाद के कविनगर इलाके में 32 वर्षीय एक महिला पर कथित तौर पर तेजाब फेंककर उसे गंभीर रूप से झुलसा देने के मामले में दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.पुलिस ने बताया कि पीड़िता डाइटिशियन है. उसका चेहरा और शरीर तेजाब हमले में 50 फीसदी झुलस गया.
आठवां मामला
बदायूं में एक प्राइमरी स्कूल में तीन लोगों ने मिलकर एक मासूम को हवस का शिकार बनाया. पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजा गया है. योगी सरकार दावा कर रही है कि उसके राज में यूपी में अपराध कम हुए हैं लेकिन हकीकत शायद कुछ और ही है.
नौवां मामला
भीड़ की हिंसा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बावजूद आए दिन सूबे में ऐसी घटनाएं हो रही हैं. कल ही शामली जिले में दो गायों की तस्करी के संदेह पर कथित गो रक्षकों की भीड़ ने दो मुस्लिम युवकों से मारपीट की और उनकी परेड करायी. पुलिस ने बताया कि गो रक्षक समूह के प्रमुख को गिरफ्तार कर लिया गया है और दोनों युवकों पर उत्तर प्रदेश गोवध रोकथाम कानून के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें हिरासत में लिया गया है.
यूपी में महिला सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती
साल 2014 में यूपी में करीब 3,467 रेप की घटनाएं हुईं. अगले ही साल 2015 रेप की वारदात में 161% की बढ़ोत्तरी हुई और 9075 रेप के मामले दर्ज हुए. साल 2016 में 15 मार्च से 18 अगस्त के बीच महज छह महीनों में 1012 रेप के मामले दर्ज हुए. इस दौरान छेड़छाड़ के भी रिकॉर्ड 4520 मामले सामने आए.