नई दिल्ली। बाढ़ की विभीषिका झेल चुके केरल में अब जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है. राज्य को बाढ़ से करीब 20 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. इस बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने राज्य को मदद के तौर पर 700 करोड़ रुपए देने की पेशकश की है. हालांकि बाढ़ राहत अभियान के लिए सरकार के विदेशों से वित्तीय सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है.
सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए केवल घरेलू प्रयासों पर निर्भर रहने के फैसले पर विचार किया. एक मीडिया रिपोर्ट में सरकार के विदेशी सहायता न ग्रहण करने के पीछे कारण बताया गया है. इसमें कहा गया है कि अगर विदेशी सहायता फॉरेन कंट्रीब्यूशन (रेगुलेशन) एक्ट (एफसीआरए) में पंजीकृत एनजीओ के जरिए आती है तो उस पर टैक्स नहीं लगाया जाएगा. इससे बाहर के एनजीओ अगर मदद लेंगे तो इसे उनकी आय माना जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा. हालांकि यूएई से मिलने वाली सहायता डायरेक्ट टैक्स ट्रांसफर होगा, इस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा.
CM Pinarayi Vijayan informed that the United Arab Emirates will provide Kerala an assistance of ₹700 Crore. Kerala has a special relationship with UAE, which is a home away from home for Malayalees. We express our gratitude to UAE for their support. #KeralaFloodRelief pic.twitter.com/yfwbt9iEkd
— CMO Kerala (@CMOKerala) August 21, 2018
अबू धाबी के वलीहद शहजादे ने की है पेशकश
केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने तिरुवनंतपुरम में कहा कि अबू धाबी के वलीहद शहजादे शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाहयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और सहायता की पेशकश दी. करीब 30 लाख भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते और काम करते हैं जिनमें से 80 फीसदी केरल के हैं. मालदीव की सरकार ने भी केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए 35 लाख रुपये दान देने का फैसला किया है.
संयुक्त राष्ट्र भी दे सकता है मदद
ऐसा माना जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र भी केरल के लिए कुछ मदद की पेशकश दे रहा है. सूत्रों ने कहा कि भारत के सहायता स्वीकार करने की संभावना नहीं है. केरल में सदी की सबसे विनाशकारी बाढ़ में 231 लोगों की मौत हो गई जबकि 14 लाख से अधिक लोग बेघर हो गए.