आपको बता दें कि जेटली किडनी ट्रांसप्लांट होने के कारण पिछले करीब 3 महीने से काम-काज से दूरी बनाए हुए थे. उनकी अनुपस्थिति में रेलमंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे थे. अरुण जेटली हाल ही में राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव में दिखाई दिए थे. वह बतौर सांसद वोट डालने आए थे.
इस दौरान वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं कर रहे थे. इतना ही नहीं जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे हाथ मिलाने की कोशिश की थी, तब उन्होंने हाथ नहीं मिलाया था. डॉक्टरों ने कुछ समय के लिए उन्हें किसी को अधिक ना छूने की सलाह दी थी, जिससे इन्फेक्शन ना फैले.
बता दें कि 14 मई को एम्स में अरुण जेटली के किडनी प्रत्यारोपण के बाद डॉक्टरों ने आराम करने की सलाह दी थी. डॉक्टर यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि जेटली को किसी भी तरह के संक्रमण से बचाने के लिए लोगों के संपर्क से दूर रखा जाए.
हालांकि पिछले तीन महीने के विश्राम के दौरान जेटली ने आर्थिक, रक्षा, सामाजिक न्याय व कानून संबंधी मुद्दों पर ब्लॉग के जरिए अपनी सक्रियता जारी रखी. वहीं वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जेटली कई समूहों से लगातार संपर्क स्थापित करते रहे.