कोलकाता। कांग्रेस ने राफेल सौदे के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि यह गंभीर मुद्दा है. यह सार्वजनिक मुद्दा है और इसके सभी पहलुओं की जांच की जानी चाहिए. इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस मसले को उठा रहे हैं.
कोलकाता में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में चिदंबरम ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान राफेल को लेकर एक समझौता किया गया था. इसके तहत यह सौदा 526 करोड़ रुपये में हुआ था. हमने फ्रांस से 126 लड़ाकू विमानों के लिए करार कर लिए थे. करार के मुताबिक फ्रांस 18 विमान मुहैया कराने वाला था जबकि बाकी का निर्माण भारत में किया जाना था. यूपीए सरकार के करार के मुताबिक 36 विमानों का बजट करीब 18940 करोड़ रुपये पड़ता.
मगर मोदी सरकार ने राफेल को लेकर फ्रांस से जो समझौता किया है, उसका खुलासा नहीं किया जा रहा है. उसे छिपाया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन 36 विमानों को लेकर फ्रांस की कंपनी से समझौता किया है, उसकी कीमत को सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है. इसके बारे में देश को बताना चाहिए. संयोग यह बात सामने आ गई कि राफेल सौदे पर 60145 करोड़ खर्च होंगे. इसके अनुसार प्रति विमान सरकार को 1670 करोड़ रुपये के पड़ेंगे.
बता दें कि कांग्रेस ने राफेल मामले को उछालकर मोदी सरकार और भाजपा को घेरने की बड़ी रणनीति बनाई है. इस मसले पर कांग्रेस के 50 नेता 100 शहरों में मोदी सरकार के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. इसी के तहत चिदंबरम ने शनिवार को कोलकाता में प्रेस कांफ्रेस का आयोजन किया.
राफेल विमान डील में कथित अनियमितता को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ देशभर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छह सदस्यीय टीम का भी गठन किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयपाल रेड्डी को इस टीम का प्रमुख बनाया गया है.
सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कांग्रेस के 50 नेता पूरे देश के 100 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. कांग्रेस का आरोप है कि राफेल विमान सौदे में अनियमितता बरती गई है. पिछले कुछ समय से कांग्रेस राफेल डील को लेकर मोदी सरकार को लगातार घेर भी रही है.