नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री और एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए की सरकार 2019 में बरकरार रहेगी. अगर सोचना है तो 2024 के लिए अभी से सोचना शुरू कर दे. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 2019 में किसी भी तरह की चुनौती नहीं है.
रामविलास पासवान ने अपनी यह टिप्पणी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उस बयान पर दी है. जिसमें राहुल गांधी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राजग से मुकाबले के लिए विपक्षी दल एकजुट होंगे. इस बयान पर पासवान ने विपक्षी दलों और राहुल गांधी का उपहास उड़ाते हुए कहा कि 2019 के बदले उन्हें 2024 के संसदीय चुनाव के लिए ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान बीपी मंडल की 100वीं जयंती की उपलक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने कहा कि बीपी मंडल मंडल आयोग के नाम से चर्चित कमेटी के प्रमुख थे. उनकी रिपोर्ट से अन्य पिछड़ा समुदायों के लिए आरक्षण की राह तैयार हुई थी.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने ओबीसी के ‘मसीहा’ होने का दावा करने वाले नेताओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि समुदाय में केवल दो मसीहा हुए हैं, एक मंडल और दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह, जिन्होंने उनकी रिपोर्ट को लागू किया.
उन्होंने कहा कि सिंह ने तब अपने राजनीतिक करियर को दांव पर लगाया और लहर के खिलाफ जाने का फैसला किया जब उन्होंने घोषणा की कि उनकी सरकार रिपोर्ट को लागू करेगी. उन्होंने इसे बहुत साहस वाला फैसला बताया.
वहीं, कांग्रेस पर हमला करते हुए रामविलास पासवान ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व वाली सरकारें 1980 में सुपुर्द की गई रिपोर्ट को दबाए रही और इस पर कोई कदम नहीं उठाया. इस वजह से ओबीसी आरक्षण मिलने में काफी देर हुई.
वहीं, शनिवार को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी कांग्रेस को दो टुक कहा कि, देश में विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने की जिम्मेदारी कांग्रेस पार्टी की है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सबसे पुरानी और बड़ी पार्टी है इसलिए यह उनकी जिम्मेदारी है कि देश में बिखड़े सभी विपक्षी पार्टियों को एक जुट करे.
उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी पार्टियों को गोलबंद होकर एक साथ चुनाव लड़ने का प्रयास करना चाहिए. वहीं, उन्हें एकजुट करने की जिम्मेदारी कांग्रेस को करनी चाहिए. तेजस्वी ने कहा कि बाकी हमसब इसके लिए कोशिश करेंगे. उन्होंने सभी पार्टियों से अपील करते हुए कहा अपना ईगो हटाकर एकजुट होकर चुनाव लड़े.
आपको बतादें कि लोकसभा चुनाव 2019 के लिए काफी कम समय बचा है. जबकि काफी समय से विपक्ष एकजुट होने करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन कुछ मुद्दों पर सभी पार्टियां एक साथ नजर नहीं आ रही है. वहीं, विपक्ष एकजुटता पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि विपक्षी पार्टियों का नेता और पीएम चेहरा कौन होगा.
इस मुद्दे जहां एक ओर सभी पार्टियां राहुल गांधी के नाम पर एकजुट नहीं हो रहे हैं. वहीं, इसके लिए कई चेहरे कतार में खड़ें है. ऐसे में विपक्ष एकजुटता पर बड़ी तलवार लटकी हुई है. वहीं, कई नेताओं के ईगो भी उन्हें एकजुट होने के आड़े आ रही है.