मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शहरी सहकारी बैंकों (UCB) से अपने प्रबंधन और कामकाज के संचालन का तरीका सुधारने को कहा है ताकि ग्राहक उन पर भरोसा कर सकें और बैंक तर्कसंगत बने रह सकें. पिछले करीब एक दशक में यूसीबी की बाजार हिस्सेदारी में लगातार गिरावट आ रही है. रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एनएस विश्वनाथन ने कहा कि 2002 में माधवपुरा को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला सामने आने के बाद से यूसीबी की बाजार हिस्सेदारी में लगातार गिरावट आ रही है. यह वित्त वर्ष 2001-02 के 6.4 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2016-17 में 3.3 प्रतिशत पर आ गई है.
मार्च, 2017 तक यूसीबी की कुल संख्या 1562
मार्च, 2017 तक कुल यूसीबी की संख्या 1,562 थी जिनकी जमा 4,43,468 करोड़ रुपये तथा ऋण 2,61,225 करोड़ रुपये था. यह बैंकिंग क्षेत्र की जमा का 3.6 प्रतिशत और ऋण का 2.9 प्रतिशत बैठता है. विश्वनाथन ने चार अगस्त को गुजरात अर्बन कोआपरेटिव बैंक फेडरेशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘हालांकि यह माना जा सकता है कि यूसीबी की बाजार हिस्सेदारी में गिरावट की वजह अन्य विकल्प उपलब्ध होने की वजह से आई है, लेकिन इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि यूसीबी को कारोबार में टिके रहने के लिए अपने जमाकर्ताओं का भरोसा जीतना होगा.’’