जकार्ता। इंडोनेशिया के एशियाई खेलों में भारत की स्क्वैश खिलाड़ी सौरभ घोषाल भी फाइनल में जगह नहीं बना सके और उन्हें कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. इस तरह भारत को 18वें एशियाई खेलों में शनिवार को स्क्वैश में तीन कांस्य पदक प्राप्त हुए. दीपिका पल्लीकल और जोशना चिनप्पा ने महिला एकल वर्ग जबकि सौरभ घोषाल ने पुरुष एकल वर्ग में पदक जीता. भारत के तीनों खिलाड़ियों को सेमीफाइनल मुकाबले में हार झेलनी पड़ी और कांस्य से संतोष करना पड़ा.
सौरभ घोषाल को भी कांस्य से करना पड़ा संतोष
भारतीय स्क्वैश खिलाड़ी सौरभ घोषाल को भी एकल वर्ग के एक कड़े सेमीफाइनल मुकाबले में हार का सामना करते हुए कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा. शनिवार को खेले गए रोमांचक मैच में हांगकांग के चुंग मिंग एयू ने 0-2 से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी की और मैच को 3-2 से अपने नाम किया. घोषाल ने मैच की दमदार शुरुआत की और आसानी से पहला सेट को अपने नाम किया. हांगकांग के खिलाड़ी दूसरे सेट में भी घोषाल को कड़ी टक्कर नहीं दे पाए और पांच सेट के मैच 0-2 से पीछे हो गए. इसके बाद, मैच ने रोमांचक मोड़ लिया और चुंग मिंग एयू ने शानदार वापसी करते हुए तीसरा सेट अपने नाम किया. हांगकांग के खिलाड़ी ने आगे भी दमदार खेल दिखाया और अगले दो सेट में जीत दर्ज करते हुए फाइनल में जगह बना ली.
दिन में सबसे पहले मैच में स्टार खिलाड़ी दीपिका ने अपना सेमीफाइनल मुकाबला खेला. उन्हें मलेशिया की निकोल एन डेविड ने एकतरफा मुकाबले में 3-0 से करारी शिकस्त दी. दीपिका ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी. उनसे सेमीफाइनल में भी जीत की उम्मीद थी, हालांकि 26 साल की यह खिलाड़ी सेमीफाइनल में अपनी फॉर्म को जारी नहीं रख पाईं. उन्होंने 2014 में दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हुए एशियाई खेलों के 17वें संस्करण में भी एकल वर्ग का कांस्य पदक अपने नाम किया था.
Indian squash players @DipikaPallikal and @joshnachinappabag BRONZE in women’s singles.
Congratulations to them #KoiKasarNahi #AsianGames2018#SPNSports pic.twitter.com/8h6ojplm7A
— SPN- Sports (@SPNSportsIndia) August 25, 2018
इसके बाद जोशना चिनप्पा को सेमीफाइनल मुकाबले में मलेशिया की सिवासांगरी सुब्रामण्यम के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा. चिनप्पा ने मलेशियाई प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी लेकिन फिर भी वह 1-3 से हार गईं. चिनप्पा अगर यह मैच जीत जातीं तो फाइनल में पहुंचते ही वह कम से कम रजत पदक की दावेदार बन जातीं. फाइनल में सिवासांगरी को हमवतन निकोल एन डेविड से भिड़ना होगा. इस तरह इस स्पर्धा का स्वर्ण और रजत मलेशिया की झोली में जाना तय है. निकोल ने भारत की ही दीपिका पल्लीकल को मात देकर फाइनल में प्रवेश किया है.