बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस+जेडीएस गठबंधन की सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. आए दिन दोनों दलों के नेता कुछ ना कुछ ऐसा बोल रहे है जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि गठबंधन कभी भी टूट सकता है. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शनिवार को कहा कि 3 सितंबर को राज्य में नए मुख्यमंत्री शपथ ले सकते हैं. कुमारस्वामी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, ‘3 सितंबर को नए मुख्यमंत्री शपथ लेंगे. ये महत्वपूर्ण नहीं है कि मैं कितने समय के लिए मुख्यमंत्री रहूं. मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि मैं जितने दिन भी रहूं अपने काम से अपना भविष्य सुरक्षित करूं.’
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के इस बयान से ठीक एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने कहा था कि वे दोबारा मुख्यमंत्री बन सकते हैं. हासन की एक जनसभा में सिद्धारमैया ने कहा, ‘जनता के आशीर्वाद से मैं एक बार फिर से राज्य का मुख्यमंत्री बनूंगा.’ उन्होंने कहा कि उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनने से रोकने के लिए विपक्ष ने आपस में हाथ मिला लिया और बड़े पैमाने पर जाति कार्ड और धन बल का सहारा लिया गया.सिद्धारमैया ने कहा, ‘मैंने सोचा था कि लोग मुझे एक बार फिर आशीर्वाद देंगे और मुझे मुख्यमंत्री बनाएंगे. दुर्भाग्यवश, मैं हार गया, लेकिन यह अंत नहीं है. राजनीति में जीत और हार आम हैं.”
इससे पहले कुमारस्वामी तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अपने ही पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि वह सीएम रहकर जहर का घूंट पी रहे हैं. इसके बाद भी सरकार के भविष्य पर सवाल उठ खड़े हुए थे. हालांकि जब बाद में विवाद बढ़ा था तो कुमारस्वामी ने बयान से किनारा करते हुए कहा था कि उन्हें कोई परेशानी नहीं है. कांग्रेस और जेडीएस के बीच तनातनी की दूसरी खबर तब आई, जब अभी कर्नाटक में होने वाले निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों ने अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया.
I’m told new chief minister will take oath on September 3. It isn’t important how long I am CM, I feel the work I do will safeguard my future: Karnataka CM HD Kumaraswamy in Bengaluru on Siddaramaiah’s statement “I’ll once again become the CM”. (25.8.18) pic.twitter.com/xESQ4ghLHi
— ANI (@ANI) August 25, 2018
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मालूम हो कि कर्नाटक इकलौता बड़ा राज्य है जहां कांग्रेस सत्ता में है. इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में यहां किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था. बीजेपी 104 विधायकों के साथ नंबर एक पार्टी बनी थी. हालांकि बीएस येदियुरप्पा विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाए थे, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था. इसके बाद कांग्रेस ने बिना शर्त जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया था, जिसके बाद जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने और उन्हीं की अगुवाई में सरकार का गठन हुआ. कांग्रेस के पास 78 और जेडीएस के 37 विधायक हैं.
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कांग्रेस+जेडीएस गठबंधन की सरकार को बने हुए अभी कुछ ही महीने हुए हैं कि दोनों दलों की ओर से बयानबाजी शुरू हो चुके हैं. खुद मुख्यमंत्री कुमारस्वामी कह चुके हैं कि उन्हें जनता ने नहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाया है. गौर करने वाली बात यह है कि सरकार बनने के बाद राज्य में हुए उपचुनावों में भी दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ उम्मीदवार उतारे थे. इसके अलावा जेडीएस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा भी कह चुके हैं कि उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतर सकती है.