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जानिए, नीरज चोपड़ा के उस कोच के बारे में, जिन्होंने क्रिकेटर मिचेल जॉनसन को भी कोचिंग दी

नई दिल्ली। भारत के जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने सोमवार को एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. वे इस इवेंट में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय हैं. नीरज जेवलिन थ्रो में अपने प्रदर्शन का श्रेय ऑस्ट्रेलियाई कोच गैरी कैलवर्ट को देते रहे हैं, जिनकी ठीक एक महीने पहले चीन में मौत हो गई थी. 63 साल के गैरी को जेवलिन थ्रो का दुनिया का सर्वश्रेष्ठ कोच माना जाता था. जानिए नीरज चोपड़ा और गैरी कैलवर्ट से जुड़ी खास बातें:

ऑस्ट्रेलिया के गैरी कैलवर्ट फरवरी 2016 से अप्रैल 2017 के बीच भारतीय जेवलिन थ्रो टीम के कोच रहे. नीरज ने इस दौरान अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता था.

गैरी कैलवर्ट जब भारतीय टीम के कोच बने, तब नीरज 82 मीटर के करीब थ्रो करते थे. गैरी से कोचिंग के बाद उनकी थ्रो 86 मीटर पार कर गई. उन्होंने अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 86.48 मीटर थ्रो किया था.

गैरी कैलवर्ट 2017 में भारतीय टीम का साथ छोड़ चीन की एथलेटिक्स टीम के कोच बन गए थे. एशियन गेम्स शुरू होने से पहले 20 दिन पहले 28 जुलाई को उनकी हार्टअटैक से मौत हो गई.

गैरी ने 2026 में भारतीय टीम से दो साल का करार किया था. एक रिपोर्ट के मुताबिक वे 2020 ओलंपिक तक करार बढ़ाना चाहते थे. इसके लिए कॉन्ट्रैक्ट मनी में 50% बढ़ोतरी चाहते थे. भारत ने इसे अस्वीकार कर दिया.

गैरी कैलवर्ट रोटेशनल टेक्निक के एक्सपर्ट माने जाते थे. खास बात यह कि वे जेवलिन थ्रो का कोच बनने से पहले तेज गेंदबाजों के थ्रो सही करने में भी मदद करते थे. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के मिचेल जॉनसन को भी कोचिंग दी थी.

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