लखनऊ। समाजवादी पार्टी की प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने ट्विटर पर इस बात का एलान किया है. उन्होंने पार्टी के नेतृत्व को इसके लिए जिम्मेदार बताया है और कहा है कि वे हताश होकर पार्टी छोड़ रही हैं.
उन्होंने लिखा है,”भारी मन से सभी साथियों को सूचित करना चाहती हूं कि समाजवादी पार्टी के साथ अपना सफ़र मैं अंत कर रही हूँ. 8 साल पहले विचारधारा व युवा नेतृत्व से प्रभावित हो कर मैं इस पार्टी से जुड़ी थी लेकिन आज ना वह विचारधारा दिखती है ना वह नेतृत्व. जिस तरह की राजनीति चल रही है उसमें अब दम घुटता है.”
उन्होंने आगे लिखा है,”कभी जाति कभी धर्म तो कभी लिंग को ले कर जिस तरह की अभद्र टिप्पणियां लगातार की जाती हैं और पार्टी नेतृत्व सब कुछ जान कर भी शांत रहता है. यह दिखता है कि नेतृत्व ने भी इस स्तर की राजनीति को स्वीकार कर लिया है. ऐसे माहौल में अपने स्वाभिमान के साथ समझौता कर के बने रहना अब मुमकिन नहीं है.”
पंखुड़ी ने लिखा है,”मुझे पता है कि इसके बाद मेरे बारे में तरह तरह की अफ़वाहें फैलायी जाएँगी लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहती हूँ कि मैं किसी भी राजनैतिक दल से सम्पर्क में नहीं हूँ ना ही किसी से जुड़ने का सोच रही हूँ. अन्य ज़िम्मेदारियों के चलते जो उच्च शिक्षा अधूरी रह थी अब उसे पूरा करने का प्रयास करूँगी.”
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है,” अगर मैं अपने सिद्धांतों और स्वाभिमान की लड़ाई नहीं लड़ सकी तो समाज के ज़रूरतमन्दों की लड़ाई कैसे लड़ूँगी? यह मतभेद वैचारिक है, व्यक्तिगत नहीं. किसी व्यक्ति या दल से विश्वास उठ जाए तो परे हो जाना ही बेहतर है. राजनीति ही तो सब कुछ नहीं.. और भी तरीक़े हैं समाज सेवा करने के.”
पंखुड़ी के इन ट्वीट्स ने चर्चाओं को जन्म दे दिया है कि आखिर माजरा क्या है? देखना ये होगा कि समाजवादी पार्टी क्या इस पर कोई जवाब देगी?