नई दिल्ली। चुनाव आयोग के साथ राजनीतिक दलों की बैठक में अधिकतर पार्टियों ने इस बात पर सहमति जताई कि आधार से वोटर कार्डको लिंक कर दिया जाए तो फर्जी वोटर, बोगस वोटिंग और वोटर की पहचान को लेकर तामझाम और कई दिक्कतें तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे. आयोग ने भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाए तो फिर आगे उसी के मुताबिक कदम बढ़ाएंगे.
चुनाव आयोग के साथ सोमवार को सात राष्ट्रीय और 35 क्षेत्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की बैठक हुई. इसमें चुनाव सुधार को लेकर उठाये जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई. चुनाव आयोग के एजेंडे के अलावा भी पार्टियों के नुमाइंदों ने अपनी बात रखी. राजनीतिक दलों ने पेड न्यूज पर पाबंदी को लेकर भी सख्त उपाय करने की जरूरत बताई. कुछ पार्टियों के नुमाइंदों ने कहा कि इसे तो चुनावी अपराध घोषित कर इसके मुताबिक ही कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए.
बैठक में पार्टियों ने आयोग से ये भी कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान आकाशवाणी और दूरदर्शन पर जिस तक राजनीतिक दलों को मुफ्त प्रचार का समय स्लॉट दिया जाता है वैसा ही निजी मीडिया चैनलों और प्लेटफार्म पर दिलाया जाए. ऐसा नियम बनाने की दिशा में पहल की जाए.
कई राजनीतिक दलों ने ये भी मसला उठाया कि वीवीपैट मशीनों में मौजूद पर्चियों की औचक गिनती का प्रतिशत तय करना तो ठीक है, लेकिन ऐसा भी इंतजाम रहे कि उम्मीदवार रिटर्निंग अफसर से मिलकर किसी खास बूथ की वीवीपैट मशीन की पर्चियों की गिनती के लिए भी आग्रह कर सकें. ऐसा अधिकार उसे मिलना चाहिए. आयोग ने कहा कि इन सुझावों पर विचार कर जल्दी ही प्रस्ताव तैयार कर सरकार को भेजे जाएंगे ताकि निर्वाचन प्रक्रिया में समुचित सुधार किया जा सके.
राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग की इस पहल का स्वागत किया कि महिलाओं की भागीदारी और नुमाइंदगी बढ़ाने के मकसद से राजनीतिक दलों को उपाय करने का सुझाव आयोग ने दिया है. इससे ना केवल संगठन बल्कि विधायिका में भी महिलाओं की संख्या बढ़ाई जा सकेगी.