नई दिल्ली। आज समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने पार्टी में अपनी उपेक्षा का बड़ा आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मुझे पार्टी में कोई जिम्मेदार पद नहीं दिया गया और डेढ़ साल बीत जाने के बाद भी मैं इंतजार ही कर रहा हूं. अब कोई दूसरा रास्ता खोजना पड़ेगा. इस बयान से साफ है कि एसपी में चाचा-भतीजे यानी अखिलेश और शिवपाल के बीच सबकुछ सही होने के कोई आसार नहीं हैं.
कल समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने भी बड़ा बयान दिया था जिससे उनका दर्द सामने आया था. मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि ‘आज हमारा कोई सम्मान नहीं करता है. शायद मेरे मरने के बाद मेरा सम्मान हो. लोहिया जी भी यही कहते थे कि इस देश में जिंदा रहते हुए कोई सम्मान नहीं करता है.’ इस पर उनके छोटे भाई शिवपाल यादव ने कहा था कि ‘मैं तो उनका पूरा सम्मान करता हूं लेकिन जो नहीं करते उन्हें मुलायम सिंह यादव का सम्मान करना चाहिए.’
कुछ समय पहले तक राजनीतिक हलकों में ये चर्चा थी कि शिवपाल यादव को राष्ट्रीय महासचिव का पद दिया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ. दरअसल साल 2017 में यूपी के चुनावों से पहले मुलायम सिंह यादव, शिवपाल यादव और अखिलेश के बीच पारिवारिक मतभेद हो गए थे जिसका खामियाजा समाजवादी पार्टी को चुनावों में भी भुगतना पड़ा था. हालांकि पिछले कुछ समय से शिवपाल यादव की तरफ से अखिलेश के साथ रिश्ते सुधारने की कुछ कवायद हुई थी लेकिन इसका फायदा अभी तक शिवपाल यादव को मिलता नजर नहीं आ रहा है.
हाल ही में सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि शिवपाल यादव कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों के संपर्क में हैं. उनके करीबियों की मानें तो शिवपाल यादव अगला लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में हैं. झंडा और बैनर अभी तय नहीं है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी में उनके लिए रास्ता अब बंद हो चुका है. समाजवादी पार्टी के ऑफ़िस में उनके लिए कोई जगह भी बची नहीं है.