नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अफसरों पर सख्ती करते हुए आदेश जारी किए हैं कि अब कोई भी अफ़सर एक से ज़्यादा गाड़ी अपने पास नहीं रख सकेगा. दिल्ली सरकार के आदेश के मुताबिक वरिष्ठ अफ़सर जैसे IAS अधिकारी/प्रमुख सचिव/विभाग प्रमुख अलग-अलग विभाग संभालने के नाम कई गाड़ियां लेकर घूम रहे हैं. आदेश दिया जाता है कि अब कोई भी अफ़सर कितने भी विभाग का काम संभाल रहे हों उनको केवल एक गाड़ी ही दी जाएगी. यही नहीं एक सितंबर से सभी सरकारी वाहनों में GPS लगाया जाए जिससे कि गाड़ी को ट्रैक किया जा सके और गलत इस्तेमाल रोका जा सके. अफसर सरकारी वाहन का इस्तेमाल केवल आधिकारिक कामों के लिए करेंगे निजी कामों के लिए नहीं. निजी काम के लिए सरकारी वाहन इस्तेमाल करने पर भुगतान करना होगा.
दिल्ली सरकार के आदेश की पांच बड़ी बातें
1. सभी प्रमुख सचिव/सचिव और विभाग प्रमुख को निर्देश कि किसी भी अफ़सर को एक से ज़्यादा सरकारी वाहन न दिया जाए चाहे वह कितने भी अतिरिक्त विभाग की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हों.
2. सभी सरकारी वाहनों में GPS सिस्टम लगवाया जाए और सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी सरकारी/किराये पर लिया हुआ वाहन एक सितंबर 2018 से बिना GPS न चले.
3 .प्राइवेट कांट्रेक्टर/ऑपरेटर/aggregator के वाहन में भी GPS लगा हो.
4. वित्त विभाग नियमित रूप से सरकारी वाहनों का ऑडिट कराए.
5. किसी भी अफ़सर को सरकारी वाहन एग्जीक्यूटिव आर्डर के ज़रिए दिया जाएगा जिससे कि गलत इस्तेमाल होने पर ज़िम्मेदारी तय हो सके.
क्या है इस आदेश का कारण?
दिल्ली सरकार के सूत्र बताते हैं कि दरअसल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शिकायत मिली थी कि अफ़सर अलग-अलग विभाग की ज़िम्मेदारी संभालने के नाम पर कई सरकारी गाड़ियां अपने पास रखे हैं, जो अफसरों के निजी कामों में लगी हुई हैं. इसके बाद ये आदेश जारी किए गए हैं. हालांकि सरकार के आदेश को अफसरों के साथ पुरानी चली आ रही जंग का एक परिणाम भी माना जा रहा है.