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‘भाजपा में जाने वाले थे शिवपाल यादव, शीर्ष बीजेपी नेता से मुलाकात का वक्‍त भी तय हो गया था’

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) से निष्कासित राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने दावा किया है कि सपा में हाशिये पर पहुंच चुके वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव की भाजपा के एक शीर्ष नेता से मुलाकात बिल्कुल तय थी, मगर यादव उसके लिए नहीं पहुंचे.

सिंह ने यहां प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा ‘‘मैंने भाजपा के शीर्ष नेता से शिवपाल के लिए बात की थी. बैठक के लिए समय भी तय हो गया था, लेकिन शिवपाल नहीं पहुंचे. मुझ पर उनकी कोई राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं है. मैं उनके सम्पर्क में नहीं हूं.’’ इस बारे में और खुलासा करने के सवाल पर उन्होंने कहा ‘‘शिवपाल तो आप लोगों के आसपास ही रहते हैं. आप उनसे पूछ सकते हैं.‘‘

मालूम हो कि कभी सपा में बड़ा ओहदा और रुतबा रखने वाले प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से प्रतिद्वंद्विता के बाद इन दिनों हाशिये पर हैं. उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि वह अब भी पार्टी में कोई जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं. वह ज्यादा समय तक उपेक्षित नहीं रह सकते और जल्द ही उन्हें भविष्य की रणनीति तय करनी होगी.

शिवपाल ने इटावा में कहा था, ‘‘हम चाहते हैं कि आगामी लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर लड़ें. पिछले डेढ़ साल से मैं पार्टी में कोई जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहा हूं, मगर अभी तक मुझे जिम्मेदारी नहीं सौंपी गयी है. मैं कितने समय तक उपेक्षित रहूं. अगर हम साथ लड़ेंगे तो इससे आम आदमी पर अच्छा असर पड़ेगा.‘‘

बता दें कि राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने एक बार फिर समाजवादी पार्टी और पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान पर भी जमकर हमला बोला है. लखनऊ में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करके अमर सिंह ने आजम खान की तरफ से लगाए गए एक-एक आरोपों का जवाब दिया. उन्होंने एक बार फिर से समाजवादी पार्टी को नमाजवादी पार्टी करार देते हुए उस पर परिवारवाद का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि लोहिया जी ने पार्टी में अपने परिवार के किसी सदस्य को स्थान नहीं दिया था, लेकिन यहां तो पूरी पार्टी ही परिवार से ही भरी पड़ी है. अमर सिंह ने आजम से अपने और अपने परिवार को जान का खतरा बताया.

मतीनगर स्थित दयाल पैराडाइज में प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि आजम खां कहते हैं कि मैं अवसरवादी हूं तो हां मैं ऐसा हूं, क्योंकि मैंने अपनी पत्नी को राज्यसभा नहीं भेजा. मैं अवसरवादी हूं, क्योंकि मेरी कोई औलाद राजनीति में नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं अब्दुली हमीद जैसे मुस्लमानों का समर्थक हूं, लेकिन खिलजी की तरह पद्मावती की इज्जत नहीं करने वाले, महिलाओं की अस्मत लूटने वाले, उन पर तेजाब फेंकने वाले मुस्लमानों का मैं विरोधी हूं. उन्होंने कहा कि आजम खान ने मेरी बेटियों पर अभद्र टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा कि मेरी बेटियां स्कूल जाती हैं, तो मुझे डर लगता है और मेरी उनकी मां रोती है.

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