नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा से जुड़े मामलों में वामपंथी विचारकों की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी वामपंथी विचारकों के ठिकाने पर हुई छापेमारी का विरोध किया. अब केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने उनपर पलटवार किया है.
रिजिजू ने बुधवार को ट्वीट किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माओवादियों को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था. लेकिन अब कांग्रेस अध्यक्ष खुले तौर पर माओवादियों के समर्थकों का समर्थन कर रहे हैं. देश की सुरक्षा को राजनीति से ऊपर रखना चाहिए.
बता दें कि अक्टूबर, 2009 में बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने तब कुछ ऐसा ही बयान दिया था. तब मनमोहन सिंह ने माना था कि देश में सबसे बड़ा खतरा नक्सली ताकतों का है और उनके खिलाफ जिस तरह की सफलता की उम्मीद थी वो नहीं मिल पाई है. उन्होंने कहा था कि खतरा अभी टला नहीं है.
मनमोहन सिंह ने तब कहा था, ” सेंट्रल भारत में नक्सलियों की ग्रोथ चिंता का विषय है, ये समस्या आदिवासियों के लिए सबसे ज्यादा है. नक्सलियों का मजबूत होना विकास की रफ्तार को रोक सकता है, हम विकास करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कुछ ग्रुप या लोगों को कानून को अपने हाथ में लेने का कोई अधिकार नहीं है. इस तरह के गुटों के खिलाफ हम कठिन कार्रवाई करेंगे.”
अभी राहुल ने क्या कहा…
वामपंथी विचारकों के घरों पर छापेमारी और गिरफ्तारी की वाम दलों और कांग्रेस ने निंदा की है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि भारत में केवल एक एनजीओ के लिए जगह है, जिसका नाम आरएसएस है. बाकी सारे एनजीओ को ताला लगा दो. सारे एक्टिविस्टों को जेल में डाल दो और जो इसके खिलाफ आवाज उठाते हैं उन्हें गोली मार दो. नए भारत में आपका स्वागत है.