नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को दिल्ली में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्रियों के साथ पूरे दिन राजनीतिक मंथन किया. इस बैठक में बीजेपी ने अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को फतह करने का मास्टरप्लान बनाया. गांव के जरिए बीजेपी ने सत्ता में वापसी का प्लान बनाया है. इसके अलावा सवर्णमतदाताओं की नाराजगी को दूर का के लिए अपने सिपहसलारों को जिम्मेदारी सौंपी है.
2019 की जंग के लिए बीजेपी ने पूरी तरह से कमर कस लिया है. मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी और अमित शाह की बैठक में जीत का रोडमैप तैयार किया गया. बीजेपी शासित राज्यों को अपनी-अपनी जीती हुई संसदीय सीटों को सिर्फ बरकरार ही नहीं रखना बल्कि उनमें बढ़ोत्तरी करने का भी मूल मंत्र दिया है.
विपक्षी दलों की एकजुटता के बाद भी बीजेपी की शहरी मतदाताओं पर पकड़ ढीली नहीं हुई, लेकिन गांवों का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. इसी के मद्देनजर बीजेपी ने 2019 में गांवों के जरिए सत्ता में वापसी की रणनीति बनाई है. मोदी-शाह ने मुख्यमंत्रियों को गांवों पर ज्यादा से ज्यादा फोकस करने को कहा है.
बीजेपी गांवों पर फोकस करते हुए केंद्र की 12 योजनाओं को गांव-गांव घर-घर तक पहुंचाने पर जोर दे रही है. 2019 के लिए गांवों पर बीजेपी का फोकस होगा. केंद्र की 12 योजनाओं को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने पर पार्टी जोर दे रही है. इतना ही नहीं बीजेपी केंद्र और राज्य सरकार के लाभार्थियों का डाटा बैंक तैयार करेगी. इसके बाद बीजेपी ने कार्यकर्ता लाभार्थियों के साथ महासंपर्क का मेगा प्लान बनाया है.
मोदी सरकार द्वारा एससी/एसटी एक्ट को मूल स्वरूप में बहाल करने और दलित समुदाय के लिए प्रमोशन में रिजर्वेशन के पक्ष में खड़े होने के चलते सवर्ण मतदाता नाराज माना जा रहा है. सवर्ण समुदाय बीजेपी का मूल वोटबैंक है.
मुख्यमंत्रियों की पीएम के साथ हुई बैठक में सवर्ण समुदाय की नाराजगी पर चर्चा हुई. इसके बाद मोदी-शाह ने मुख्यमंत्रियों को सवर्ण जातीय की नाराजगी को दूर करने की जिम्मेदारी सौंपी है. बीजेपी इस बात को बखूबी समझती है कि सवर्ण मतदाता उससे छिटक गए तो फिर 2019 में सत्ता में वापसी किसी भी सूरत में संभव नहीं है.
बीजेपी एमएसपी में बढ़ोत्तरी और आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना का फायदा उठाने की तैयारी में है. मुख्यमंत्रियों की बैठक में इस योजना को ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचाने का लक्ष्य दिया है. सरकार इसे 2019 का गेमचेंजर मानकर चल रही है.