मधुबनी। देश में बेटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ‘ जैसे अभियान चलाए जा रहे हैं. लड़कियों को सशक्त करने के लिए कई तरह की योजनाएं चल रही हैं. स्थिति में पहले से सुधार भी देखने को भी मिला है, लेकिन समाज में ही कुछ ऐसे लोग भी हैं जो आज भी बेटियों पर प्रतिबंध लगाने से बाज नहीं आते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ है बिहार के मधुबनी जिला में.
मधुबनी में पंचायत ने तुगलकी फरमान सुनाया है. लड़कीयों को जीन्स पहनने और मोबाइल फोन रखने पर प्रतिबंध लगाने का तुगलकी फरमान सुनाया है. मामला अंधराठाढ़ी प्रखंड के मदना पंचायत का है.
पंचायत के प्रतिनिधियों और ग्रामीणों की पहल पर जमैला और मैनी गांव में एंटी रोमियो दस्ता बनाया गया है. दस्ते ने लड़कियों को मोबाइल रखने और जीन्स, टीशर्ट जैसे कपड़े पहनने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है. रोमियो दस्ता के सदस्यों का मानना है कि गांव समाज मे उदंड लोग अपना पैर फैलाने में लगे हैं, जिसमे लड़कियों के पास मौजूद मोबाइल फोन का अहम योगदान है.
एंटी रोमियो दस्ता में निर्वाचित पंचायत समिति सदस्य श्रवण कुमार, पूर्व मुखिया मो कमरुज्जमा के अलावा कई जनप्रतिनिधि शामिल हैं. दस्ते के सदस्यों को छात्राओं की भेष-भूषा पर ध्यान रखना है. एंटी रोमियो दस्ते के हत्थे चढ़े एक प्रेमी युगल की मंदिर में शादी भी कराई गई. पंचायत के तुगलकी फरमान से छात्राएं काफी आहत हैं और वे मानसिकता बदलने की बात कर रही हैं. लडकियां इसे अपने अधिकार का हनन बता रही हैं.