नई दिल्ली। नोटबंदी के करीब दो साल बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि बंद किए गए 500 और 1,000 के नोटों की गिनती पूरी हो गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने वित्त वर्ष 2017-18 के एनुअल रिपोर्ट में कहा है कि बंद किए गए 99.3 प्रतिशत नोट बैंकों में लौट गए हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि नोटबंदी के समय मूल्य के हिसाब से 500 और 1,000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में थे. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इनमें से 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट बैंकों के पास वापस आ चुके हैं.
ज्यादा करेंसी सर्कुलेशन में आई
RBI के मुताबिक, नोटबंदी के वक्त जितनी पुरानी करेंसी बाजार से बाहर हुई उससे ज्यादा अब सर्कुलेशन में है. मार्च 2018 तक 18.03 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में आ चुके हैं. इसके मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है. देश में निवेश और निर्माण बढ़ा है. सालाना आधार पर महंगाई कम हुई है. पिछले सालों के मुकाबले क्रेडिट ग्रोथ भी डबल डिजिट में लौट आई है. अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में जीएसटी अहम साबित हुआ है.
RBI Annual Report for the year 2017-18 states, “Indian economy exhibited resilience during 2017-18, with upturns in investment and construction. Inflation eased on a year-on-year basis in an environment characterised by high variability.”
— ANI (@ANI) August 29, 2018
ये है पूरा आंकड़ा
2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के पुराने नोटों का कुल मूल्य 15.44 लाख करोड़ रुपए था. 500 और 2000 के नए नोट छापने का खर्च करीब 8,000 करोड़ रुपए रहा. अगस्त 2017 तक 15.28 लाख करोड़ रुपए के मूल्य के नोट सर्कुलेशन में लौटे. वहीं, मार्च 2018 तक यह आंकड़ा बढ़कर 18.03 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया.
RBI Annual Report for the year 2017-18 states,” In the evolution of monetary aggregates, currency in circulation surpassed its pre-demonetisation level while credit growth revived to double digits from a historic low in the previous yr.”
— ANI (@ANI) August 29, 2018
नोटों की गिनती का जटिल कार्य पूरा हुआ
केंद्रीय बैंक ने कहा कि निर्दिष्ट बैंक नोटों (SBN) की गिनती का जटिल कार्य सफलतापूर्वक पूरा हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों के पास आए SBN की गिनती हाई स्पीड करंसी वेरिफिकेशन ऐंड प्रोसेसिंग सिस्टम (CVPS) से की गई है और इसके बाद उन्हें नष्ट कर दिया गया. एसबीएन से तात्पर्य 500 और 1,000 के बंद नोटों से है. रिजर्व बैंक ने कहा कि एसबीएन की गिनती का काम पूरा हो गया है. कुल 15,310.73 अरब मूल्य के एसबीएन बैंकों के पास वापस आए हैं.
RBI Annual Report 2017-18 states, “Domestic financial markets were broadly stable,with rallies in equity markets&intermittent corrections, hardening bond yields,the rupee trading with a generally appreciating bias except towards close of the yr&le liquidity in money markets”
— ANI (@ANI) August 29, 2018
जाली नोटों में आई कमी
रिपोर्ट में इसके साथ ही बताया गया कि नोटबंदी के बाद साल 2017-18 में जाली नोटों में भी कमी आई है. 2015-16 में 632926 जाली नोट पकड़े गए थे, जबकि 2016-17 में 762072 जाली नोट की पकड़े गए थे. वहीं 2017-18 में 522783 जाली नोट की पहचान हुई है.
RBI Annual report for the year 2017-18 states,”Implementation of GST achieved another important milestone towards an efficient indirect tax structure. On the external front, the current account deficit
was comfortably financed with accretions to foreign exchange reserves.”— ANI (@ANI) August 29, 2018
तेजी की राह पर अर्थव्यवस्था
गौरतलब है कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा की थी. RBI ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने निवेश और निर्माण में तेजी की वजह से मजबूती की राह पकड़ ली है. केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि उच्च परिवर्तनशीलता के माहौल में साल दर साल के आधार पर महंगाई दर में कमी आई है.