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‘चाचा’ शिवपाल के बागी तेवर पर सदमे में ‘भतीजे’ अखिलेश

लखनऊ। लोकसभा चुनाव-2019 के नजदीक आते-आते एक बार फिर से यादव परिवार में कलह सामने आने लगी है. शिवपाल ने सपा के अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया और उन्हें पद देना शुरू कर दिया है. समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इशारों-इशारों में कहा कि मुझे शक है ये बीजेपी की साजिश है. उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे चुनाव आएगा, तमाम चीजें आपको देखने को मिलेंगी. उन्होंने कहा कि मैं आरएसएस को नहीं जानता, लेकिन जब उन पर बैन लगा था, वो मैंने पढ़ा था.

उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी लगातार बैठक कर रही और बीजेपी से निपटने के लिए तैयारी कर रहे हैं. बीजेपी पर निशाना सादते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी की सबसे बड़ी ताकत है कि वो मुद्दों से ध्यान हटा देते हैं, लेकिन हमारी जिम्मेदारी ये है कि मुद्दे से ध्यान न हटे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमले की साजिश रचने के मामले में सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को हुई पांच बड़ी गिरफ्तारियों पर भी अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि जो आदमी को मार रहा उसे पकड़ने के बजाय, कुछ बुद्धिजीवियों को पकड़ा जा रहा है.

दरअसल, भतीजे अखिलेश यादव के पार्टी की कमान संभालने के बाद से ही शिवपाल हाशिए पर हैं. जी न्यूज से बातचीत में शिवपाल सिंह यादव ने कहा, ‘मुझे जब-जब बुलाया गया मैं गया, दावत में शामिल होने के लिए टेलीफोन किया गया तो उस तक में पहुंच गया. जब नहीं बुलाया जा रहा तो नहीं जा रहा.’ शिवपाल ने आगे कहा, ‘सपा के अच्छे कार्यकर्ताओं के लिए मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चा बनाया है, उन्हें पद देना शुरू किया है.’

आपको बता दें कि साल 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव का परिणाम आने से पहले ही शिवपाल यादव ने समाजवादी पार्टी सेक्युलर मोर्चा बनाने की घोषणा की थी. अब उन्होंने सपा के लोगों से अपील की है जो भी चाहते हैं वे इस मोर्चा का हिस्सा बन सकते हैं.

साल 2016 अगस्त में पहली बार मुलायम सिंह यादव के परिवार में झगड़ा पसरा था. मुलायम सिंह यादव के बाद पार्टी की कमान किसके हाथ में हो इस बात को लेकर शिवपाल सिंह यादव और उनके भतीजे अखिलेश यादव में वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई थी. काफी ऊठापटक के बाद अखिलेश यादव ने 1 जनवरी 2017 को पार्टी कार्यकारिणी पद की बैठक बुलाकर पिता मुलायम को हटाकर खुद को समाजवादी पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया था. साथ ही चाचा शिवपाल यादव से यूपी प्रदेश अध्यक्ष का पद छीन लिया था.

साल 2017 के मार्च में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में सपा की करारी हार के बाद यह झगड़ा शांत हो गया था. इसी साल फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा की जीत के बाद शिवपाल यादव ने पार्टी नेतृत्व की तारीफ की थी.

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