लखनऊ। सपा में काफी समय से उपेक्षित चल रहे शिवपाल यादव ने बुधवार को समाजवादी सेकुलर मोर्चा के गठन का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि सपा में जो उपेक्षित महसूस कर रहे हैं वह मेरे पास आएं। छोटे-छोटे दलों को भी जोडऩे की बात कही है। उन्होंने साफ किया कि वे समाजवादी पार्टी को नहीं छोड़ रहे हैं। शिवपाल यादव ने कहा, “मैंने समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है। जिस किसी का भी समाजवादी पार्टी में सम्मान नहीं हो रहा उन्हें हमारे साथ आना चाहिए। हम अपने साथ छोटी पार्टियों को भी जोड़ेंगे।”
शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी में जाने की अफवाह गलत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में नेताजी (मुलायम सिंह) का सम्मान न होने से आहत हूं। इसी तरह कई नेता ऐसे हैं जिनको पार्टी में उपेक्षित रखा गया है। शिवपाल ने कहा कि उन्हें भी किसी भी मीटिंग में नहीं बुलाया जाता। शिवपाल ने कहा इस मोर्चे के सहारे उपेक्षित दलों को भी जोड़ा जाएगा। समाजवादी सेक्युलर मोर्चा यूपी में नया सियासी विकल्प होगा।
इससे पहले शिवपाल यादव ने मुलायम सिंह यादव से लोहिया ट्रस्ट में मुलाकात की। दोनों के बीच सेक्युलर मोर्चे के गठन और उसे मजबूत करने को लेकर मंत्रणा हुई थी। इसके बाद बीजेपी की सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी मंगलवार शाम को शिवपाल से मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात पर शिवपाल ने कहा कि सभी छोटे दलों को इस मोर्चे से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
दो मोर्चों पर संगठित होने लगे शिवपालवादी
इस बीच शिवपाल वादी सपा समर्थक दो मोर्चों पर संगठित होने लगे हैं। सेक्युलर मोर्चा बनकर तैयार है। इसमें सेक्युलर मोर्चे में क्षेत्रीय दलों को शामिल करने की कवायद चल रही है। दूसरी ओर शिवपाल फैंस एसोशिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में शिवपाल वादी नेता पहले से संगठित हो चुके हैं। यह संगठन अपना विस्तार करीब-करीब पूरे प्रदेश में कर चुका है। इस बीच समाजवादी पार्टी ने अपने बयानबाज नेताओं पर लगाम लगाने की तैयारी करते हुए नयी टीम घोषित कर दी है। साथ ही चेहरा चमकाने के लिए बयानबाजी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की हिदायत दी है।
लोहिया ट्रस्ट में मुलायम-शिवपाल साथ
सोमवार को लोहिया ट्रस्ट की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव और शिवपाल सिंह यादव ने ट्रस्ट के कार्यों की समीक्षा की और आगामी लोकसभा चुनाव पर भी चर्चा की। अर्से बाद मुलायम और शिवपाल की बैठक के सियासी निहितार्थ भी निकाले जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बीच एक शिवपाल वादी नेताओं का द्वारा एक सेक्यूलर मोर्चे का गठन करने के बाद से समाजवादी खेमे में बैचेनी बढ़ी है। माना जा रहा है सेक्यूलर मोर्चे में क्षेत्रीय दलों को शामिल करने की कवायद जारी है।