भोजन पकाने के लिए लंबे समय तक कोयला, लकड़ी या चारकोल के इस्तेमाल के कारण हृदय संबंधी बीमारियों से मौत का खतरा बढ़ सकता है. एक नए अध्ययन में इस बात का पता चला है. ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के डेरिक बेनेट ने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि जो लोग खाना पकाने के लिए ठोस ईंधन का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें जल्द से जल्द बिजली या गैस का इस्तेमाल करना चाहिए.’’ हृदय या रक्त वाहिकाओं से जुड़ी बीमारियां पूरी दुनिया में लोगों की मौत का एक प्रमुख कारण है.
ठोस ईंधन बन सकते हैं असमय मौत का कारण
इसमें यह सुझाव दिया गया कि ठोस ईंधन जैसे कोयला, लकड़ी या चारकोल से खाना बनाने से वायु प्रदूषण तो होता ही है, साथ ही इससे हृदय रोग से असमय मृत्यु भी हो सकती है. हालांकि इसके सीमित साक्ष्य हैं. हालिया अध्ययन में खाना पकाने में इस्तेमाल किए जाने वाले ठोस ईंधन एवं हृदय रोग के बीच संबंध बताया गया है. साथ ही ठोस ईंधन से स्वच्छ ईंधन की ओर से रुख करने के संभावित प्रभाव भी बताये गए हैं. इसमें वर्ष 2004 से 2008 के बीच चीन के 10 इलाकों से 30 से 79 उम्र के 3,41,730 व्यक्तियों को शामिल किया गया.
हृटय संबंधी बीमारियों का खतरा ज्यादा
प्रतिभागियों से यह पूछा गया कि वे खाना पकाने के लिए अमूमन किस तरह के ईंधन का इस्तेमाल करते हैं. ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर झेंगमिंग चेन ने बताया कि हमें यह पता चला कि भोजन पकाने के लिए लंबे समय तक ठोस ईंधन का इस्तेमाल करने से हृदय संबंधी बीमारियों का अत्यधिक खतरा होता है.