नई दिल्ली। नोटबंदी से जुड़े रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और आरोप लगाया कि उन्होंने 15-20 सबसे बड़े ‘क्रोनी कैपिटलिस्ट’ (सत्ताधारियों से साठगांठ करने वाले पूंजीपतियों) के कालेधन को सफेद कराने में मदद के इरादे से नोटबंदी का कदम उठाया था. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने मीडियाकर्मियों से पूछा कि क्या वे स्वतंत्र होकर लिख रहे हैं या दबाव महसूस कर रहे हैं.
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में मुस्कराते हुए राहुल ने संवाददाताओं से पूछा, “आप कैसे हैं, आपका मूड कैसा है? क्या आप इन दिनों स्वतंत्र रूप से लिख रहे हैं या कोई दबाव है..? ” मुख्य रूप से नोटबंदी के मसले पर बातचीत के लिए आए राहुल ने मसले पर बोलने से पहले मुस्कराते हुए कहा, “देश का सामान्य मूड ऐसा है कि लोग खुलकर बोलने से थोड़े भयभीत हैं. प्रेस वाले भी थोड़ा झिझक के साथ काम करते हैं, लेकिन आपको हमारी ओर से पूरा समर्थन है.” विपक्ष का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में बाधा उत्पन्न कर रही है और अघोषित आपातकाल की स्थिति उत्पन्न कर दी है जहां प्रेस पर प्रतिबंध है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”मैं युवाओं, छोटे दुकानदारों और छोटे कारोबारियों को यह बताना चाहता हूं कि मोदी जी ने नोटबंदी क्यों की. दरअसल, उनके सबसे बड़े 15-20 क्रोनी कैपिटलिस्ट ने बैंकों से कर्ज लिए और उनके पास एनपीए (फंसे हुए कर्ज) हैं. मोदी जी ने जनता की जेब से पैसे लेकर क्रोनी कैपिटलिस्ट लोगों की मदद की. यही नोटबंदी का लक्ष्य था.’ उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी के समय मोदी जी के मित्रों ने कालेधन को सफेद में बदलने का काम किया. गुजरात का सहकारी बैंक इसका उदाहरण है. अमित शाह जिस बैंक में निदेशक हैं उसमें 700 करोड़ रुपये जमा किए गए. इसलिए यह नोटबंदी बड़ा घोटाला था. ’
राहुल ने कहा कि मोदी ने सही बात कही थी कि 70 साल में जो कोई नहीं कर पाया, उसे वो करेंगे. आज यह बात सही साबित हुई. जो पिछले 70 साल में किसी ने नहीं किया वो उन्होंने कर दिखाया और भारत की अर्थव्यवस्था की धज्जियां उड़ा दीं. मोदी जी को यह जवाब देना है कि उन्होंने आम लोगों से पैसे छीनकर 15-20 सबसे बड़े क्रोनी कैप्टलिस्ट को क्यों दिया.