पटना। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादवआईआरसीटीसी घोटाले के मामले में आज (शुक्रवार को) पटियाला हाउस स्थित सीबीआईकी विशेष अदालत में पेश हुए. कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है. इस मामले में पौने दस बजे तेजस्वी अपनी मां के साथ पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे थे. सभी आरोपियों ने कोर्ट में जमानत की अर्जी दी. जज ने सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों एक-एक लाख के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है.
आरजेडी समर्थकों की नजर कोर्ट के आदेश पर टिकी हुईं थी कि तेजस्वी और राबड़ी को जेल होगी है फिर बेल मिलेगी. पेशी के लिए दोनों बुधवार को ही पटना से दिल्ली पहुंच गए थे. कोर्ट ने लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 14 आरोपियों को समन जारी किया था.
IRCTC scam case: Delhi’s Patiala House Court grants bail to all accused including former Bihar CM Rabri Devi & RJD leader Tejashwi Yadav. All have to furnish a personal bond & surety amount of Rs 1 lakh each. https://t.co/xf7L1PyJYR
— ANI (@ANI) August 31, 2018
अदालत ने ये समन जांच एजेंसी सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए जारी किया था, जिसमें सीबीआई ने लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. लालू यादव समेत सभी आरोपियों को अदालत ने आरोपी के तौर पर समन जारी किया था.
Delhi: Former Bihar CM Rabri Devi & RJD leader Tejashwi Yadav arrive at Patiala House court, to appear in connection with the Indian Railway Catering and Tourism Corporation (IRCTC) scam case. pic.twitter.com/eBFFH6xzxZ
— ANI (@ANI) August 31, 2018
तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी की पेशी को लेकर आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि न्यापालिका पर पूरा भरोषा है, न्याय मिलेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष को बोलने का कोई हक नहीं है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की राज में 38 घोटाले हुए हैं. सब में दोनों शामिल हैं. इन घोटालों से बचने के लिए बीजेपी से मिलकर हमारे नेता को फंसाया जा रहा है.
राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पेशी को लेकर बीजेपी प्रवक्ता नवल यादव ने कहा कि कानून अपना काम कर रहा है. केस और कैंसर के बारे में कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता है. जो जैसा करेगा वैसा भरेगा. उन्होंने कहा कि जैसी इनकी करनी रही है, उसी का यह नतीजा है.
इससे पहले सीबीआई ने कोर्ट को बताया था कि IRCTC के पूर्व जीएम बीके अग्रवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिल गई है. जिसके बाद कोर्ट ने समन पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. सीबीआई ने 16 अप्रैल को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और इससे जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी.
बीके अग्रवाल के खिलाफ केस चलाने की मिली थी अनुमति
इससे पहले IRCTC घोटाले मामले में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पूर्व IRCTC के जीएम बीके अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दी थी. जिसके बाद सीबीआई ने भी पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया था कि IRCTC के पूर्व जीएम बीके अग्रवाल के खिलाफ केस चलाने की अनुमति मिल गई है. इस संबंध में सीबीआई ने तीन महीने पहले अनुमति मांगी थी. आरोप है कि लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते IRCTC द्वारा संचालित दो होटलों के रखरखाव का काम विनय और विजय कोचर द्वारा संचालित सुजाता होटल को दे दिया गया था. इसके बदले वर्ष 2006 में पटना के पॉश इलाके में तीन एकड़ प्लाट दिया गया.
सीबीआई ने दाखिल की थी चार्जशीट
IRCTC घोटाले मामले में आरोपी बनाते हुए सीबीआई ने 16 अप्रैल को पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और इससे जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. लालू की पत्नी राबड़ी और उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी उन 14 लोगों में शामिल थे, जिनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गईथी. जबकि जांच एजेंसी ने उस समय आइआरसीटीसी के जीएम बीके अग्रवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक रेल मंत्री ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की सलाह पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन-19 के तहत अभियोग चलाने की मंजूरी दी थी.
क्या है पूरा मामला?
यह मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कार्पोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा रांची और पुरी में चलाए जाने वाले दो होटलों की देखरेख का काम सुजाता होटल्स नाम की कंपनी को देने से जुड़ा है. विनय और विजय कोचर इस कंपनी के मालिक हैं. इसके बदले में कथित तौर पर लालू को पटना में बेनामी संपत्ति के रूप में तीन एकड़ जमीन मिली. एफआईआर में कहा गया था कि लालू ने निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया. इसके बदले में उन्हें एक बेनामी कंपनी डिलाइट मार्केटिंग की ओर से बेशकीमती जमीन मिली.सुजाता होटल को ठेका मिलने के बाद 2010 और 2014 के बीच डिलाइट मार्केटिंग कंपनी का मालिकाना हक सरला गुप्ता से राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के पास आ गया. हालांकि इस दौरान लालू रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे चुके थे.