नई दिल्ली। भारतीय टेलीकॉम कंपनी एयरटेल पिछले 15 साल से भारत की नंबर-1 टेलीकॉम कंपनी है. लेकिन अब यह दूसरे पायदान पर खिसक सकती है. आईडिया और वोडाफोन के मर्जर का पहले ही ऐलान हो चुका है. लेकिन अब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने इन दोनों कंपनियों के मर्जर को अप्रूव कर दिया है.
गौरतलब है कि आदित्य बिड़ला ग्रुप की टेलीकॉम कंपनी आईडिया और वोडाफोन ने पिछले साल ही मर्जर अग्रीमेंट साइन कर लिया था और इसके बाद ये दोनों मिल कर देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी बन जाएंगे. यानी एयरटेल दूसरे नंबर की टेलीकॉम कंपनी बन जाएगी.
आईडिया सेल्यूयर ने ऐलान किया है कि कंपनी ने वोडाफोन इंडिया लिमिटेड और वोडाफोन मोबाइल सर्विसेज लिमिटेड के साथ मर्जर की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इसके लिए बलेश शर्मा को सीईओ बनाया गया है.
ET की रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य बिड़ला ग्रुप के एक अधिकारी ने यह कनफर्म किया है कि इस मर्जर को NCLT का अप्रूवल मिल गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन दोनों कंपनियों के पास मिला कर 440 मिलियन कस्टमर्स और रेवेन्यू 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होगा.
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि टेलीकॉम कंपनियों का मर्जर, अधिग्रहण और दिवालिया होने की वजह क्या है. रिलायंस जियो ने आक्रामक प्लान और फ्री डेटा, कॉलिंग के साथ धमाकेदार एंट्री की और ये दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के लिए सिरदर्द बन गया. पहले मार्केट में कई टेलीकॉम कंपनियां थीं, यूजर्स के पास ज्यादा ऑप्शन्स थे. लेकिन अब आईडिया और वोडाफोन के मर्जर से भारत में सिर्फ तीन बड़ी टेलीकॉम कंपनियों ही रह गई हैं – भारती एयटेल, आईडिया-वोडाफोन और रिलायंस जियो.
यूजर्स के पास कम ऑप्शन होने की वजह से मुमकिन है कंपनियों अपने टैरिफ फिर से बढ़ा दें. इसका हिंट रिलायंस जियो ने इस बार दे दिया है. जियो फोन के साथ कुछ खास ऑफर नहीं दिया गया और JioPhone 2 को यूजर्स अब पूरे पैसे देकर खरीद रहे हैं. इस फोन के साथ प्लान में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है, बल्कि पहले वाला ही प्लान इसके साथ भी दिया जा रहा है.