नई दिल्ली। एंटीगुआ ने कहा है कि हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण में वह पूरा सहयोग करेगा. एंटीगुआ सरकार का कहना है कि प्रत्यर्पण को लेकर सभी नियमों का पालन किया जाएगा. शुक्रवार को एंटीगुआ प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि भारत के उच्चायुक्त एचई वेंक्टचालम महालिंगम ने एंटीगुओ एवं बारबुडा की सरकार से तीसरी बार संपर्क किया है.
एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गैस्टन अल्फोन्सो ब्राउन के साथ हुई भारतीय उच्चायुक्त की बैठक में अटॉर्नी जनरल स्डीड्रॉय ‘क्यूटी’ बेंजामीन, विदेश मंत्रालय के स्थायी सचिव एथॉनी लीवरपूल और राजदूत कोलिन मर्डोक और प्रधानमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार भी मौजूद थे. बैठक के दौरान भारतीय उच्चायुक्त महालिंगम ने आधिकारिक तौर पर दूसरी बार प्रत्यर्पण के लिए आवेदन दिया.
अटॉर्नी जनरल ने भारतीय उच्चायुक्त को भरोसा दिलाया कि भारत सरकार के अनुरोध पर वहां की सरकार उचित कार्रवाई करेगी. भारतीय उच्चायुक्त और प्रधानमंत्री बेंजामीन ने चोकसी के अपराध को लेकर विस्तार से चर्चा की है. प्रधानमंत्री ब्राउन ने दोहराया है कि उनकी सरकार भारत सरकार का पूरा सहयोग करेगी. बता दें कि पीएनबी बैंक घोटाले का आरोपी मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है. इसके बाद भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही है.
गौरतलब है कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले (पीएनबी) के मुख्य आरोपियों में से एक मेहुल चोकसी के एंटिगुआ में होने की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. अब भारत की ओर से एंटिगुआ से आग्रह किया गया है कि वह उसे गिरफ्तार करे और भारत को सौंपने की प्रक्रिया शुरू करे. भारतीय एजेंसियों की ओर से कहा गया है कि मेहुल चोकसी को गिरफ्तार करने या फिर उसे भारत को सौंपने के लिए किसी तरह के रेड कॉर्नर नोटिस की जरूरत नहीं है. ऐसे में ये वाजिब होगा कि उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाए. वहीं एंटिगुआ ने आरसीएन की देरी पर भी सवाल उठाए हैं.