नई दिल्ली। देश की जीडीपी (विकास दर) में शानदार उछाल आया है और पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून तिमाही में विकास दर 8.2 फीसदी पर आई है. देश की आर्थिक विकास दर 2017 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी-मार्च में 7.7 फीसदी रही थी. तिमाही दर तिमाही आधार पर देखें तो इस तरह भारतीय इकोनॉमी में जबर्दस्त उछाल देखा गया है.
सांख्यिकी मंत्रालय ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके तहत साल 2018-19 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून)के लिए जीडीपी का आंकड़ा 8.2 फीसदी पर आया है और साल 2017-18 की पहली तिमाही में जीडीपी 5.7 फीसदी रही थी. उस तिमाही में नोटबंदी के चलते जीडीपी में बड़ी गिरावट देखी गई थी लेकिन अब इससे अर्थव्यवस्था उबरती हुई दिखाई दे रही है.
मूडीज ने दिया था 7.5 फीसदी का अनुमान
मूडीज ने 23 अगस्त को दिए अपने आकलन में कहा था कि भारत की आर्थिक विकास दर 2018 और 2019 में 7.5 फीसदी रह सकती है. तेल की ऊंची कीमत को चुनौती बताते हुए मूडीज ने कहा था कि भारत ऐसे बाहरी दबाव से पार पाने में काफी हद तक सक्षम है.
उल्लेखनीय है कि मूडीज ने मई में 2018 के लिये भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को कम कर 7.3 फीसदी कर दिया था जबकि पहले इसके 7.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया था. भारत की आर्थिक विकास दर वर्ष 2017 की आखिरी तिमाही में 7.7 फीसदी रही थी.
आरबीआई ने दिया 7.4 फीसदी दर का अनुमान
आरबीआई ने अपनी 2017 की वार्षिक रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के लिए देश की आर्थिक विकास दर के 7.4 फीसदी रहने का अनुमान दिया था. रुपये की गिरती कीमत और वैश्विक ट्रेड वॉर का भारत पर थोड़ा असर पड़ने के अनुमान के बीच 8.2 फीसदी की आर्थिक विकास दर काफी अच्छी कही जा सकती है.