वाशिंगटन लंदन। भारत में समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखने वाले औपनिवेशिक कानून को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरी दुनिया की मीडिया ने दिल खोलकर स्वागत हो रहा है। विभिन्न देशों से आ रही प्रतिक्रियाओं में कहा गया है कि इससे न केवल सबसे बड़े लोकतंत्र बल्कि विश्व भर में समलैंगिंकों के अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा।
वाशिंगटन पोस्ट : भारत की शीर्ष अदालत का फैसला दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में समलैंगिक अधिकारों की जीत है। भारत के शीर्ष न्यायालय के इस फैसले का दुनिया भर में समलैंगिक अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा।
न्यूयॉर्क टाइम्स : फैसले को भारत में समलैंगिक अधिकारों के लिए मील का पत्थर बताया। अखबार का कहना है कि इस फैसले ने वर्षों से चल रही कानूनी लड़ाई को खत्म कर दिया है।
बीबीसी : शीर्ष अदालत के फैसले को ऐतिहासिक बताया। वहीं ह्यूमन राइ्टस वाच की दक्षिण एशिया की निदेशक मीनाक्षी गांगुली का कहना है कि इस फैसले के बाद अन्य देशों को भी प्ररणा मिलेगी।
संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी ने कहा, भेदभाव खत्म होगा
संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के समलैंगिक पर फैसले से एलजीबीटीआई व्यक्तियों से भेदभाव खत्म होगा। संयुक्त राष्ट्र ने उम्मीद जताई कि यह फैसला एलजीबीटीआई व्यक्तियों को पूरे मौलिक अधिकारों की गारंटी देने की दिशा में पहला कदम होगा।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा, दुनियाभर में यौन रुझान और लैंगिक अभिव्यक्ति किसी भी व्यक्ति की पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं तथा इन तत्वों के आधार पर हिंसा, दाग या भेदभाव मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है।
वहीं एमनेस्टी ने कहा कि इस फैसले ने न्याय और समानता के लिए संघर्ष कर रहे सभी लोगों के लिए उम्मीद पैदा की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया की कार्यक्रम निदेशक अमिता बासु ने कहा, फैसला भारतीय इतिहास के एक काले अध्याय का द्वार बंद करता है। यह भारत के लाखों लोगों के लिए समानता के नए युग का प्रतीक है। उन्होंने कहा, आज की यह उल्लेखनीय जीत भारत में एलजीबीटीआई समुदाय और उनके सहयोगियों के तीन दशक के संघर्ष में एक मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि शादी, गोद लेने, उत्तराधिकार समेत अपने अधिकारों के लिए एलजीबीटी समुदाय का संघर्ष जारी रहेगा।
गूगल ने होमपेज पर गे प्राइड फ्लैग लगाया
सुप्रीम कोर्ट द्वारा समलैंगिकों के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद गूगल ने अपने होमपेज पर गे प्राइड फ्लैग लगाया है। वहीं फेसबुक ने अपनी डीपी को चेंज किया है।