नई दिल्ली। पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलानाओं के दबाव में मशहूर अर्थशास्त्री आतिफ मियां को प्रधानमंत्री इमरान खान की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी) से हटाने के बाद वहां राजनीति गरम हो गई है. ऐसा लगता है कि इस बार पाकिस्तान के अर्थशास्त्री वहां की राजनीति से दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं. आतिफ मियां को हटाने का विरोध करते हुए अब तक ईएसी के तीन सदस्य इस्तीफा दे चुके हैं. आतिफ मियां को उनके अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय से संबंधित होने के कारण हटाया गया है. अहमदिया समुदाय भी मुस्लिम धर्म का ही हिस्सा है, लेकिन पाकिस्तान में कट्टरपंथियों के दबाव में उनसे मुसलमान होने का दर्जा छीन लिया गया है.
इस्तीफे का सिलसिला
आतिफ मियां के इस्तीफे के विरोध में इमरान खान की आर्थिक सलाहकार परिषद से लंदन स्थित अर्थशास्त्री इमरान रसूल ने इस्तीफा दे दिया है. यूनीवर्सिटी कॉलेज लंदन में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर रसूल ने कहा है, ‘भारी मन से मैंने इस सुबह ईएसी से इस्तीफा दे दिया है. जिन परिस्थितियों में आतिफ को हटाया गया, उससे मैं सहमत नहीं हूं.’ सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर भी काफी आलोचना की जा रही है. लोग कह रहे हैं कि इमरान खान ने कट्टरपंथियों के आगे घुटने टेक दिए हैं.
डॉन का संपादकीय
पाकिस्तान के प्रमुख समाचार पत्र डॉन ने भी सरकार की आलोचना करते हुए एक संपादकीय लिखा है. डॉन का कहना है कि ‘आतिफ मियां को ईएसी से हटाने के साथ ही एक सहिष्णु और समावेशी पाकिस्तान के जिन्ना के विजन को एक और झटका लगा है.’
इससे पहले आसिम इजाज ख्वाजा ने ईएसी से इस्तीफा देते हुए कहा कि ‘एक मुसलमान होने के कारण नो इस फैसले को सही नहीं ठहरा सकते.’ उन्होंने आतिफ मियां को हटाने का विरोध करते हुए ट्विटर पर अपनी अहसमति जताई. ख्वाज ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैंने ईएसी से इस्तीफा दे दिया है. ये पीड़ादायक और दुखद निर्णय है. मुझे एनालिटिकल रीजनिंग में योगदान देने का अवसर दिए जाने के लिए मैं आभारी हूं, लेकिन मूल्यों के साथ समझौता करके मैं ऐसा नहीं कर सकता. एक मुसलमान के तौर पर मैं इसे सही नहीं ठहरा सकता.’
कौन हैं अहमदिया?
पाकिस्तान के संविधान में अहमदिया को गैर मुस्लिम घोषित किया गया है और उनकी मान्यताओं को कई प्रमुख इस्लामिक स्कूलों में ईशनिंदा माना जाता है. अक्सर कट्टरपंथी उनको निशाना बनाते रहे हैं और उनके धार्मिक स्थलों पर भी तोड़-फोड़ की जाती रही है. मियां को हाल ही में 18 सदस्यीय ईएसी के सदस्य के तौर पर नामित किया गया था.
‘शीर्ष 25 सबसे प्रतिभाशाली युवा अर्थशास्त्री’ की अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सूची में शामिल यह अकेले पाकिस्तानी हैं. मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलोजी से शिक्षित आतिफ मियां प्रतिष्ठित प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर हैं और पाकिस्तानी अमेरिकी हैं. नामांकन वापस लेने की पुष्टि करते हुए संचार मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सामाजिक स्तर पर किसी भी तरह के बंटवारे से बचने के लिए सरकार ने ईएसी के लिए मियां का नामांकन वापस लेने का फैसला किया है.