लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल से पास किए गए सात विधेयकों को मंजूरी दे दी है। इनमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड विधेयक, निरसन विधेयक, उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक, उप्र लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक, शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2018, शीरा नियंत्रण (द्वितीय संशोधन) विधेयकऔर प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग और निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दे दी है।
‘उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड (आस्तियों व दायित्वों का अंतरण) विधेयक 2018’ के जरिये कंपनी अधिनियम 1956 के तहत गठित उप्र राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड के दायित्वों, शक्तियों, क्रियाकलापों व कर्मचारियों को ‘उप्र राज्य औद्योगिक विकास क्षेत्र अधिनियम 1976’ की धारा-3 के तहत गठित उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण में अंतरित किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश निरसन विधेयक 2018’ में प्रदेश की विधिक प्रणाली को सुगम बनाने व सुधार लाने की दृष्टि से वर्ष 1976 से पूर्व के स्थापित ऐसे 95 अधिनियमों को खत्म कर दिया गया है जो अप्रचलित व अनावश्यक थे। ‘उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग (संशोधन) विधेयक 2018’ विधेयक द्वारा ऐसे अध्यापकों, जो 7 अप्रैल 1998 के शासनादेश के अनुसार 29 मार्च 2011 को या उसके पहले सहायता अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में नियुक्त हों। और इस अधिनियम के प्रारम्भ होने पर कार्यरत हों और मानदेय प्राप्त कर रहे हों, की सेवाओं को विनियमित करने का फैसला किया गया था।
‘उत्तर प्रदेश लोकतंत्र सेनानी सम्मान (संशोधन) विधेयक 2018’ द्वारा 2016 के अधिनियम के पूर्व जिन लोकतंत्र सेनानियों की मृत्यु हुई थी उनके उत्तराधिकारियों को भी सम्मान राशि, निःशुल्क परिवहन सुविधा और निःशुल्क चिकित्सा सुविधा देने का फैसला किया गया है।
‘उत्तर प्रदेश शीरा नियंत्रण (संशोधन) विधेयक 2018’ के माध्यम से उत्तर प्रदेश में चीनी कारखानों द्वारा उत्पादित शीरा के नियंत्रण, भण्डारण, श्रेणीकरण, कीमत और उसकी आपूर्ति एवं वितरण के लिए आर्थिक दण्ड की धनराशि में वृद्धि की गई है। साथ ही अवैध शीरा व ऐसे पात्र या पैकेज जिसमें शीरा रखा गया हो, को ले जाने में प्रयुक्त कोई पशु, गाड़ी, जलयान, कंटेनर या वाहन को जब्त करने का प्रावधान किया गया है।
इसमें शीरे की परिभाषा में बी-हैवी मोलासेस को शामिल किया गया है जिसमें अपेक्षाकृत अधिक शर्करायुक्त अंश होते हैं। पेट्रोलियम आयातों को कम करने और विदेशी मुद्रा की बचत के उद्देश्य से भारत सरकार ने शीरे से एथनाल के उत्पादन की योजना बनाई है। पेट्रोल में 10 फीसदी एथनॉल मिश्रित करने का लक्ष्य रखा है।
‘उप्र प्लास्टिक और अन्य जीव अनाशित कूड़ा-कचरा (उपयोग ओर निस्तारण का विनियमन) (संशोधन) विधेयक 2018’ द्वारा एक बार उपयोग वाले पालीथीन/प्लास्टिक कैरी बैग और थर्माकोल की वस्तुओं के इस्तेमाल को रोकने के लिए प्राधिकृत अधिकारियों को किसी स्थान में प्रवेश और निरीक्षण करने के अधिकार दिए गए हैं। साथ ही ऐसी वस्तुओं के उपयोग, विनिर्माण, विक्रय, वितरण, भण्डारण, परिवहन, आयात या निर्यात को रोकने, दण्ड बढ़ाने और अधिनियम में थर्मोकोल को सम्मिलित करने का प्रावधान किया गया है।