लखनऊ। प्रियंका चतुर्वेदी से बदसलूकी करने के आरोप में कांग्रेस ने चार नेताओं को बर्खास्त कर दिया है. जबकि अनुशासन समिति ने तीन नेताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए एआईसीसी को चिट्ठी लिखी है. इन पर मथुरा में कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका का विरोध करने का आरोप है. ये घटना एक सितंबर की है. जिस होटल में ये कार्यक्रम था उस दिन प्रियंका वहॉं प्रेस कनफ़्रेंस करने गई थीं. वहॉं कुछ लोकल कांग्रेस नेता पहले से होटल में मौजूद थे.
प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर से की थी शिकायत
आरोप है कि इन नेताओं ने वहॉं नारेबाज़ी की. प्रियंका चतुर्वेदी ने दिल्ली जाकर इस बात की शिकायत कांग्रेस के यूपी अध्यक्ष राज बब्बर से की. प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति को इस मामले की जॉंच दी गई. समिति ने गिरधारी पाठक, भूरी सिंह जायस, प्रताप सिंह और प्रवीण ठाकुर को कांग्रेस पार्टी से बाहर करने का आदेश जारी कर दिया. यतेंद्र मुक़द्दम, उमेश पंडित और अशोक सिंह चकलेश्वर के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए अशोक गहलोत से सिफ़ारिश की गई है. मथुरा के ये तीनों नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं. इसीलिए इन पर कार्रवाई प्रदेश कांग्रेस कमेटी नहीं कर सकती है. अब इन तीनों नेताओं के बारे में फ़ैसला कांग्रेस महासचिव अशोक गहलौत को करना है.
हमने किसी से कोई बदतमीज़ी नहीं की -अशोक सिंह चकलेश्वर
प्रियंका चतुर्वेदी के मथुरा दौरे के कारण ऐसा क्या हो गया कि नेताओं को पार्टी से बर्खास्त कर दिया गया. मथुरा जिला से कांग्रेस पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंह चकलेश्वर कहते हैं हमने किसी से कोई बदतमीज़ी नहीं की थी. हम लोग शांति प्रिय तरीक़े से प्रियंका चतुर्वेदी को अपनी बात कहना चाहते थे. लेकिन पार्टी के पूर्व विधायक प्रदीप माथुर ने ऐसा नहीं होने दिया. उन्होंने ही बड़े नेताओं से हमारी शिकायत भी की. वे कहते हैं कि अगर प्रियंका ज़ी हमारे ख़िलाफ़ कुछ कह दें तो पार्टी जो चाहे हमें सज़ा दे सकती है.
मामले को ग़ुलाम नवी आज़ाद के पास ले जाने के मूड में हैं आरोपी
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी मूल रूप से मथुरा की हैं. वैसे अब उनका परिवार मुंबई में रहता है. 1 सितंबर को राफ़ेल डील पर प्रेस कनफ़्रेंस करने वे मथुरा गई थीं. पहले ये कार्यक्रम ज़िला कांग्रेस कमेटी के ऑफ़िस में होना था. लेकिन नेताओं के आपसी झगड़े में इसे एक होटल में कर दिया गया था. मथुरा के जिन नेताओं पर कार्रवाई हुई है या फिर सिफ़ारिश की गई है. वे अब इस मामले को ग़ुलाम नबी आज़ाद के पास ले जाने के मूड में हैं. आज़ाद यूपी के प्रभारी महासचिव हैं. मथुरा में पार्टी प्रदीप माथुर के समर्थक और विरोधी गुट में बंटी हुई है. कई बार के विधायक माथुर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता भी रहे हैं.