देश में रुपये में जारी गिरावट को लेकर काफी ज्यादा हंगामा हो रहा है. दरअसल गिरते रुपये की वजह से इकोनॉमी के सामने कई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. लेकिन रुपया अकेला नहीं है, जिसमें गिरावट जारी है.
पिछले 5 सालों के दौरान रुपया जहां सिर्फ 15.52 फीसदी टूटा है. वहीं, कुछ देशों की करंसी इस दौरान 100 फीसदी से ज्यादा गिरी है. डॉलर में लगातार आ रही मजबूती, कच्चे तेल के बढ़ते दाम और तुर्की व वेनेजुएला में जारी आर्थिक संकट ने कई देशों की मुद्राओं की कमर तोड़ी है.
पिछले 5 सालों के दौरान अर्जेंटीना की मुद्रा पेसो में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है. डॉलर के मुकाबले यहां की मुद्रा 546.72 फीसदी गिरी है. दूसरे नंबर पर इस मामले में तुर्कीश लीरा है. यह इस दौरान 221 फीसदी तक गिर चुकी है.
तीसरे नंबर रूस की करंसी रबल है. जो 5 साल के अवधि के दौरान 117.41 फीसदी गिरी है. इसके बाद ब्राजील की मुद्रा रियल 84 फीसदी, दक्षिण अफ्रीका की रैंड 51.42 फीसदी, मेक्सिकन पेसो 47.15 फीसदी, इंडोनेशियाई रुपया 28.17 फीसदी गिरा है.
दूसरी तरफ, रुपये में इस दौरान 15.52 फीसदी की गिरावट देखी गई है. चीन की मुद्रा 12 फीसदी और सिंगापुर डॉलर 9.63 फीसदी तक गिरे हैं.
इस तरह दुनिया भर के अलग-अलग देशों के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो रही हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार हो रहे हालातों की वजह से दिक्कत बढ़ती जा रही है.